विश्व कप विजेता महिला टीम की प्रधानमंत्री के साथ टैटू और त्वचा की देखभाल पर भी हुई बातचीत
नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके आवास पर मुलाकात के दौरान भारतीय महिला क्रिकेटरों ने न सिर्फ विश्व कप में अपने विजयी अभियान पर बातचीत की बल्कि इस दौरान टैटू और यहां तक कि त्वचा की देखभाल को लेकर भी चर्चा हुई।
भारत ने पिछले सप्ताह नवी मुंबई में फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर अपना पहला वैश्विक खिताब जीता था। इसके बाद टीम ने मुख्य कोच अमोल मजूमदार और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष मिथुन मन्हास के साथ बुधवार को यहां प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी।
प्रधानमंत्री द्वारा गुरुवार को साझा किए गए बातचीत के वीडियो में कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा, ‘‘मुझे अभी भी याद है जब हम 2017 में आपसे मिले थे। उस समय हम ट्रॉफी लेकर नहीं आए थे। लेकिन यह हमारे लिए बहुत सम्मान की बात है कि इस बार हम ट्रॉफी यहां लेकर आए हैं जिसके लिए हम इतने वर्षों से कड़ी मेहनत कर रहे थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य है कि हम भविष्य में आपसे बार-बार मिलें तथा आपके और आपकी टीम के साथ बार-बार तस्वीरें लें।’’
भारतीय महिला टीम 2017 में महिला विश्व कप फाइनल में इग्लैंड से नौ रन से हार गयी थी, जिसके बाद टीम ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी।
मोदी ने कहा, ‘‘आपने बहुत अच्छा काम किया है। भारत में क्रिकेट सिर्फ़ एक खेल नहीं है। एक तरह से यह भारत के लोगों की ज़िंदगी बन गया है। अगर क्रिकेट में कुछ अच्छा होता है तो भारत को अच्छा लगता है और अगर क्रिकेट में थोड़ा सा भी कुछ ग़लत होता है, तो पूरे भारत को बुरा लगता है।’’
इसके बाद प्रधानमंत्री ने टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी दीप्ति शर्मा से उनके हनुमान वाले टैटू के बारे में पूछा जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
दीप्ति ने जवाब दिया, ‘‘मुझे खुद से ज़्यादा उन पर विश्वास है। जब भी मैं किसी मुश्किल स्थिति में होती हूं तो मैं उनका नाम लेती हूं और मुझे लगता है कि मैं उससे उबर सकती हूं। मुझे उन पर बहुत विश्वास है।‘‘
मोदी ने पूछा, ‘‘और आपने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी जय श्री राम लिखा है।’’ दीप्ति ने कहा, ‘हां मैंने ऐसा किया है।’’
लेकिन जिस क्षण पूरा हॉल ठहाकों से गूंजा, वह तब था जब शीर्ष क्रम की बल्लेबाज हरलीन देओल ने मोदी से उनकी त्वचा की देखभाल की दिनचर्या के बारे में पूछा।
मोदी ने इस पर हंसकर जवाब दिया, ‘‘मैं इन सब चीजों के बारे में नहीं सोचता हूं।’’
स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने 2017 की मुलाकात को याद किया और बताया कि इससे उन्हें कितनी प्रेरणा मिली।
मंधाना ने कहा, ‘‘जब हम 2017 में यहां आए थे, तो हम ट्रॉफी नहीं जीत पाए थे। लेकिन मुझे याद है कि हमने आपसे उम्मीदों के बारे में एक सवाल पूछा था और आपका जवाब हमारे लिए काफी मददगार रहा है। हमने पिछले कुछ वर्षों में काफी प्रयास किया लेकिन मुझे लगता है कि यह नियति ही थी कि टीम की पहली महिला विश्व कप जीत भारत में ही होगी।‘‘
जेमिमा रोड्रिग्स ने टीम की एकता और लचीलेपन को लेकर बात की।
उन्होंने कहा, ‘‘इस टीम में एकता सबसे अच्छी है क्योंकि जब भी कोई अच्छा प्रदर्शन कर रहा होता था, तो हर कोई खुश होता था और सभी तालियां बजा रहे होते थे, मानो उन्होंने खुद रन बनाए हों या विकेट लिए हों।‘‘
मजूमदार ने याद किया कि इस साल की शुरुआत में टीम के केवल 20 सदस्यों को ब्रिटेन के राजा चार्ल्स से मिलने की अनुमति दी गई थी। उन्होंने कहा कि तभी टीम ने नवंबर की शुरुआत में विश्व कप ट्रॉफी के साथ प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का संकल्प लिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘हम जून में इंग्लैंड में थे और वहां हमने किंग चार्ल्स से मुलाकात की। 20 लोगों का प्रोटोकॉल था। सहयोगी स्टाफ के अधिकतर सदस्य उस मुलाकात में भाग नहीं ले पाए थे। मैंने अपने सहयोगी स्टाफ से कहा, मुझे बहुत दुख है, लेकिन प्रोटोकॉल 20 लोगों का है।‘‘
मजूमदार ने कहा, ‘‘मैंने तब सोचा कि हमें यह तस्वीर नहीं चाहिए। हम चार या पांच नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक तस्वीर चाहते हैं' और आज वह दिन है।’’
मोदी ने अमनजोत कौर के साथ बातचीत करते हुए 2024 टी20 विश्व कप फाइनल में सूर्यकुमार यादव के कैच को याद किया। अमनजोत ने दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लॉरा वोल्वार्ड्ट का कैच लेकर मैच का रुख भारत की तरफ मोड़ दिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘आप जानते हैं, पिछली बार सूर्या इसी तरह का कैच लेने के बाद यहां आये थे।‘‘
प्रधानमंत्री मोदी ने खिलाड़ियों से अपने-अपने स्कूलों में जाकर बच्चों से बातचीत करने की भी अपील की।
उन्होंने कहा, ‘‘एक बार जब आप अपने घर वापस जाएंगे, तो स्वाभाविक रूप से उत्साह और उमंग का माहौल होगा। लेकिन कुछ दिनों बाद, जिस स्कूल से आपने पढ़ाई की है वहां जाकर बच्चों से बात कीजिए। वे आपसे ढेर सारे सवाल पूछेंगे।‘‘
मोदी ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि स्कूल और वे बच्चे आपको जीवन भर याद रखेंगे। फिर आप साल में जब भी मौका मिले, तीन स्कूल चुन सकते हैं। एक दिन में एक स्कूल का दौरा। इससे आपको भी प्रेरणा मिलेगी।’’
