इंडस्ट्री सिर्फ बड़ी फिल्मों के दम पर नहीं चल सकती : हुमा

इंडस्ट्री सिर्फ बड़ी फिल्मों के दम पर नहीं चल सकती : हुमा

मुंबई, 21 नवंबर (वेब वार्ता)। बॉलीवुड अभिनेत्री हुमा कुरैशी ने फिल्म इंडस्ट्री में अभिव्यक्ति और प्रयोग की स्वतंत्रता को जरूरी बताया। हुमा ने स्पष्ट कहा कि इंडस्ट्री सिर्फ बड़ी या ब्लॉकबस्टर फिल्मों के दम पर नहीं चल सकती।

छोटी और मध्यम बजट की फिल्मों के साथ-साथ इंडिपेंडेंट फिल्मों की भी उतनी ही अहमियत होती है, क्योंकि ये दर्शकों को नई कहानियों और नए दृष्टिकोण से रूबरू कराती हैं। उनका मानना है कि एक मजबूत फिल्म इंडस्ट्री वही होती है, जहां हर तरह की फिल्मों को बनाने और देखने की आजादी हो।

उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री को विविधता और प्रयोग की जरूरत है, ताकि दर्शक अलग-अलग तरह की कहानियों और शैलियों का अनुभव कर सकें। इसी से फिल्म जगत जीवंत और मजबूत बनता है।

हुमा के अनुसार, “हमें दर्शकों की पसंद को समझकर फिल्में बनानी चाहिए। बड़ी फिल्में भी जरूरी हैं, लेकिन छोटी और इंडिपेंडेंट फिल्मों को भी बराबरी का मौका मिलना चाहिए। जब हर तरह की फिल्मों को बनाने की आजादी होगी, तभी इंडस्ट्री आगे बढ़ेगी।”

इसके साथ ही हुमा ने अपने नए शो ‘दिल्ली क्राइम सीजन 3’ के लिए निभाए गए खलनायिका के किरदार पर भी बात की। उन्होंने बताया कि यह पहली बार था जब उन्होंने एक पूरी तरह से नकारात्मक भूमिका निभाई है।

शुरुआत में उन्हें लगा था कि उन्हें शो में एक पुलिस अधिकारी की भूमिका दी जाएगी, लेकिन बाद में पता चला कि यह एक विलेन का किरदार है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में यह भूमिका चुनौतीपूर्ण लगी, लेकिन इसे निभाने का अनुभव बेहद रोमांचक रहा।

हुमा ने यह भी कहा कि हाल ही में ‘महारानी’ और ‘दिल्ली क्राइम’ दोनों के एक साथ रिलीज होने से दर्शकों की प्रतिक्रियाएं लगातार उन्हें मिल रही हैं। दर्शक दोनों ही किरदारों में उनके काम की तारीफ कर रहे हैं, जिससे उन्हें काफी खुशी मिल रही है।

उन्होंने कहा कि कलाकार के रूप में यह अनुभव संतोषजनक होता है जब लोग आपके अलग-अलग तरह के कामों को सराहते हैं। हुमा का मानना है कि आने वाले समय में भी वह ऐसी कहानियों और किरदारों का हिस्सा बनना चाहेंगी, जो न सिर्फ चुनौतीपूर्ण हों बल्कि दर्शकों तक नई सोच और संवेदनशीलता के साथ पहुंचें।

मालूम हो कि हुमा कुरैशी फिल्मों और ओटीटी दोनों माध्यमों पर अपने दमदार अभिनय के लिए जानी जाती हैं। वह हमेशा ऐसे कलाकारों में शामिल रही हैं, जो चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं चुनने के साथ-साथ रचनात्मक आजादी को सबसे ज्यादा महत्व देती हैं।