राजकोट : जसदण में काँटेदार झाड़ियों में मिला नवजात, 108 टीम और स्वास्थ्य विभाग ने बचाई जान
समय से पहले जन्मे शिशु को तत्काल प्राथमिक उपचार देकर राजकोट सिविल अस्पताल पहुँचाया, स्थिति में सुधार
राजकोट जिला स्वास्थ्य विभाग और 108 इमरजेंसी सेवा टीम ने मानवता का परिचय देते हुए जसदण क्षेत्र में मिले एक अज्ञात नवजात शिशु को समय पर उपचार देकर नया जीवन प्रदान किया। घटना गत रात 11:31 बजे की है, जब घेला सोमनाथ 108 एम्बुलेंस को जसदण इलाके से आपातकालीन कॉल प्राप्त हुई। सूचना के अनुसार, गंगाभुवन स्थित भूतड़ा दादा मंदिर के पीछे काँटों की बाड़ के पास एक नवजात शिशु रोता हुआ पाया गया।
स्थानीय लोगों ने लगभग दो घंटे तक खाली मैदान से बच्चे के रोने की आवाज सुनी। ठंड भरी रात में आवाज आने से लोग पहले तो घबरा गए, लेकिन बाद में इकट्ठा होकर जब इलाके की जांच की, तो झाड़ियों में फँसा नवजात शिशु मिला। तुरंत पुलिस और 108 सेवा को सूचना दी गई।
सतर्क 108 टीम—ईएमटी इंद्रजीतभाई डांगर और पायलट मनसुखभाई मेनिया—कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंच गए। टीम ने बच्चे को काँटों से बाहर निकालकर प्राथमिक उपचार दिया। जांच में पता चला कि बच्चे का जन्म समय से पहले हुआ था। ईएमटी ने तुरंत ऑक्सीजन सपोर्ट देते हुए शिशु को जसदण सरकारी अस्पताल पहुँचाया।
अस्पताल में डॉ. निखिल ने बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए राजकोट सिविल अस्पताल रेफर कर दिया। वहां बच्चे को आधिकारिक रूप से डॉ. यशवी को सौंपा गया। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, फिलहाल नवजात की हालत में सुधार हो रहा है। घटना के दौरान 108 एम्बुलेंस टीम की त्वरित प्रतिक्रिया, सतर्कता और मानवीय सेवा की व्यापक प्रशंसा की जा रही है।
