राजकोट : मंदिरों के पवित्र अपशिष्ट से बनेगा पर्यावरण हितैषी हस्तशिल्प, ‘स्वराह’ पहल का शुभारंभ

राजकोट में इंटेक और नगर निगम की संयुक्त पहल से पवित्र पुष्प अर्पण का पुन: उपयोग, रोज़गार और स्वच्छता दोनों को मिलेगा बढ़ावा

राजकोट : मंदिरों के पवित्र अपशिष्ट से बनेगा पर्यावरण हितैषी हस्तशिल्प, ‘स्वराह’ पहल का शुभारंभ

 भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक विरासत न्यास (INTACH) राजकोट चैप्टर और राजकोट नगर निगम (RMC) ने अपनी सांस्कृतिक और पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी के तहत ‘स्वराह  पवित्र अपशिष्ट जागरूकता, पुन: उपयोग और हस्तशिल्प’ अभियान की शुरुआत की है।

यह पहल मंदिरों से एकत्रित पवित्र पुष्प अर्पण और अन्य धार्मिक अपशिष्टों को पर्यावरण के अनुकूल हस्तशिल्प उत्पादों  जैसे अगरबत्ती, प्राकृतिक रंग और जैविक उर्वरक  में परिवर्तित करने की दिशा में कार्य करेगी। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए नए रोज़गार के अवसर भी सृजित होंगे।

राजकोट नगर निगम ने इस अभियान को सहयोग देते हुए पवित्र अपशिष्ट एकत्र करने के लिए एक ‘विशेष वैन सेवा’ शुरू की है, जो शहर में हरित नवाचार और व्यवस्थित अपशिष्ट प्रबंधन की प्रक्रिया को गति देगी।

इस परियोजना की घोषणा पंचनाथ महादेव मंदिर में आयोजित ‘पवित्र अपशिष्ट पुनः डिज़ाइन कार्यशाला’ के समापन अवसर पर की गई। कार्यशाला में स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय समुदाय के सदस्यों को कचरे के पृथक्करण, पुन: उपयोग और हस्तशिल्प निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया।

इस अवसर पर इंटेक राजकोट चैप्टर की संयोजक, आर्किटेक्ट रिद्धि शाह ने बताया कि ‘स्वराह’ पहल राजकोट नगर निगम, इंटेक हेरिटेज क्राफ्ट एंड कम्युनिटी डिवीजन (नई दिल्ली) और पंचनाथ महादेव मंदिर ट्रस्ट के सहयोग से संभव हो सकी है। उन्होंने मंदिर ट्रस्ट और इंटेक राजकोट चैप्टर टीम के सदस्यों के सहयोग और समर्पण के लिए आभार व्यक्त किया।

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