सूरत : चैंबर प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में कपड़ा सचिव को बजट-पूर्व ज्ञापन सौंपा
जीएसटी, सीमा शुल्क और प्रत्यक्ष करों पर दिए सुझाव; एमएसएमई सचिव से व्यापारियों को परिभाषा में शामिल करने का आग्रह
सूरत। दक्षिण गुजरात वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसजीसीसीआई) के मानद कोषाध्यक्ष सीए मितेश मोदी और सीए राजीव कपासियावाला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में भारत सरकार की कपड़ा सचिव नीलम शमी राव (आईएएस) से मुलाकात कर एक बजट-पूर्व ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कपड़ा क्षेत्र से संबंधित जीएसटी, सीमा शुल्क और प्रत्यक्ष करों में आवश्यक सुधारों के सुझाव दिए गए ताकि उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके और निर्यात को बढ़ावा मिले।
एमएसएमई अधिनियम में व्यापारियों को शामिल करने की मांग
प्रतिनिधिमंडल ने इसके अलावा भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के सचिव एस.सी.एल. दास (आईएएस) से भी भेंट की और एमएसएमई क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
चैंबर ने प्रस्ताव रखा कि एमएसएमई अधिनियम की धारा 15 में सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों की परिभाषा में व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं को भी शामिल किया जाए, ताकि उन्हें आयकर अधिनियम की धारा 43(बी)(एच) के प्रावधानों का लाभ मिल सके।
चैंबर का मत है कि वर्तमान में यह प्रावधान अपने मूल उद्देश्य — छोटे उद्यमों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने — को पूरा नहीं कर पा रहा है।
एमएसएमई सचिव को सूरत आमंत्रित किया गया
चैंबर प्रतिनिधिमंडल ने सचिव एस.सी.एल. दास को सूरत आने का निमंत्रण दिया, ताकि वे स्थानीय उद्यमियों को पारस्परिक ऋण गारंटी योजना (एमसीजीएस–एमएसएमई) के बारे में मार्गदर्शन दे सकें।सचिव ने इस आमंत्रण पर सकारात्मक रुख दिखाया और सूरत दौरे की संभावना जताई।
‘प्रकृति आयुष कॉन्क्लेव 2025’ के लिए सरकारी सहयोग का अनुरोध
इसके साथ ही, प्रतिनिधिमंडल ने आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा (आईएएस) से भी मुलाकात की। उन्होंने आगामी ‘प्रकृति आयुष कॉन्क्लेव 2025’ के लिए सरकारी सहयोग का अनुरोध किया। यह आयोजन 11 नवंबर, 2025 को सूरत के सरसाना स्थित प्लेटिनम हॉल में आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्राकृतिक चिकित्सा और आयुष क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ भाग लेंगे।
