‘ग्रेट निकोबार परियोजना’ से भारत का समुद्री विश्व व्यापार कई गुना बढ़ेगा: अमित शाह
मुंबई, 27 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि पांच अरब अमेरिकी डॉलर की ‘ग्रेट निकोबार द्वीप विकास परियोजना’ से देश का समुद्री व्यापार कई गुना बढ़ जाएगा।
‘भारत समुद्री सप्ताह’ (आईएमडब्ल्यू) के चौथे संस्करण के उद्घाटन के अवसर पर यहां शाह ने कहा कि भारत में लोकतांत्रिक स्थिरता एवं नौसैनिक क्षमताएं हैं और उसने हिंद-प्रशांत तथा ‘ग्लोबल साउथ’ के बीच की खाई को पाट दिया है।
शाह ने कार्यक्रम में अपने भाषण में कहा, ‘‘ पांच अरब अमेरिकी डॉलर की ग्रेट निकोबार परियोजना समुद्री विश्व व्यापार को कई गुना बढ़ा देगी।’’
भारत ने 2021 में इस महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचागत परियोजना का निर्माण शुरू किया जिसका उद्देश्य बंगाल की खाड़ी में स्थित इस द्वीप का कायाकल्प करना है।
शाह ने भारत के प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग में विश्वास करने की बात पर जोर दते हुए कहा कि समुद्री क्षेत्र में 10 लाख करोड़ रुपये के अवसर उपलब्ध हैं।
सहकारिता मंत्री शाह ने कहा कि देश का लक्ष्य जहाज निर्माण के क्षेत्र में शीर्ष पांच देशों में शामिल होना और बंदरगाहों का विकास करके माल ढुलाई क्षमता को तीन गुना बढ़ाकर 10,000 एमएमटीपीए तक पहुंचाना है।
शाह ने कहा कि मुंबई के निकट 10 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश से बन रहा वधावन बंदरगाह पहले ही दिन, दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में शामिल हो जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा समुद्री क्षेत्र में किए गए संरचनात्मक सुधारों ने भारत को वैश्विक समुद्री क्षेत्र में एक उभरती हुई शक्ति बना दिया है।
उन्होंने कहा कि हम एक नया समुद्री इतिहास रचने के कगार पर हैं और गेटवे ऑफ इंडिया जल्द ही समुद्री सप्ताह जैसी पहल के माध्यम से ‘‘ गेटवे ऑफ वर्ल्ड में तब्दील हो जाएगा।’’
इसी कार्यक्रम में केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि केवल एक शांतिपूर्ण तथा कानून का पालन करने वाला समाज ही निवेशकों को आकर्षित कर सकता है।
उन्होंने गृह मंत्रालय में शाह के नेतृत्व में आंतरिक सुरक्षा, स्थिरता और कानून व्यवस्था में हुई महत्वपूर्ण प्रगति का उल्लेख किया।
पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के सचिव विजय कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए 11 देशों से 1.5 लाख पंजीकरण प्राप्त हुए हैं। इसमें 350 से अधिक विदेशी वक्ता शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में विभिन्न उप-क्षेत्रों में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के 680 निवेश समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इससे रोजगार के नए सात लाख अवसर उत्पन्न होंगे।
