सूरत : लाभ पंचम पर कपड़ा बाजार में नई उम्मीद की शुरुआत: व्यापारियों ने की समृद्धि की कामना
दिवाली के बाद सूरत के बाजारों में फिर से रौनक, शादी के उपहारों की खरीदारी से बढ़ेगी रफ्तार: व्यापारी हरेश भाई लालवानी
सूरत। हीरा और कपड़ा नगरी सूरत के बाजारों में दिवाली के त्योहारों के दौरान खरीदारी की रौनक के बाद अब लाभ पंचम के शुभ अवसर पर व्यापार ने एक बार फिर नई गति पकड़ी है। पारंपरिक रूप से इस दिन को व्यापार की औपचारिक शुरुआत का शुभ मुहूर्त माना जाता है।
सूरत के कपड़ा व्यापारियों ने श्री गणेशजी और लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना के साथ अपने प्रतिष्ठान खोलकर नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत की और अच्छे कारोबार की कामना की।
कपड़ा व्यापारी हरेश भाई लालवानी ने बताया कि दिवाली के बाद अब शादी-विवाह का सीजन शुरू होने वाला है, जिसके चलते शादी के उपहारों की खरीदारी में तेजी आने की संभावना है। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि यह लाभ पंचमी कपड़ा उद्योग के लिए वास्तव में लाभकारी साबित होगी और व्यापार को मंदी के साये से बाहर निकालेगी।”
लाभ पंचम के दिन पूरे सूरत शहर में उत्साह और धार्मिक आस्था का माहौल रहा। व्यापारियों ने इसे नए सिरे से सफलता की शुरुआत का दिन बताया।
लाभ पंचम को मनुष्यों की दिवाली की पूर्णिमा तथा देवताओं की दिवाली का प्रारंभ भी माना जाता है। धार्मिक और व्यावसायिक दृष्टि से यह दिन अत्यंत शुभ होता है।
इस अवसर पर व्यापारी नई खाता-बही की शुरुआत करते हैं — जिसमें बाईं ओर ‘शुभ’ और दाईं ओर ‘लाभ’ लिखकर बीच में साठी (स्वस्तिक) बनाते हैं। इसके बाद लक्ष्मी-गणेश की पूजा कर सुख, समृद्धि और धन की प्रार्थना की जाती है। जो व्यापारी दिवाली पर शारदा पूजा नहीं कर पाते, वे इस दिन अपनी दुकानें खोलकर विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं।
