सूरत : पिछले 12 वर्षों से उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी का परिवार न्यू सिविल अस्पताल के मरीजों के साथ मना रहा है दिवाली
सामाजिक संवेदना का जगमगाता दीप – “सेवा ही परम धर्म है” – सिविल अस्पताल की निस्वार्थ सेवा भावना का अद्भुत उदाहरण
सूरत। समाज में ऐसे अनेक लोग हैं जिन्हें दिवाली और रक्षाबंधन जैसे त्योहारों पर परिवार का स्नेह और घर की गर्माहट नहीं मिल पाती। ऐसे लोगों के जीवन में रोशनी भरने का कार्य गुजरात के उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी, उनकी माता देव्यानीबेन संघवी और पत्नी हेनी रमेशचंद्र संघवी पिछले 12 वर्षों से निरंतर कर रहे हैं।
हर वर्ष की तरह, इस बार भी संघवी परिवार ने सूरत के न्यू सिविल अस्पताल में मरीजों और सफाई कर्मचारियों के साथ दिवाली मनाई। इस अवसर पर ‘सेवा ही परम धर्म है’ की भावना को साकार करते हुए, अस्पताल के मरीजों को मिठाई और दीपक वितरित किए गए।
साथ ही, अहमदाबाद के मानसिक रूप से अक्षम बच्चों द्वारा बनाए गए स्वदेशी दीपकों को उपहार स्वरूप भेंट किया गया, जिससे अंगदान चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रणेता दिलीपभाई देशमुख दादा द्वारा चलाए जा रहे ‘अंगदान महादान जनजागृति अभियान’ को भी बल मिला।
कार्यक्रम में नर्सिंग काउंसिल के उपाध्यक्ष इकबाल कड़ीवाला ने कहा कि महामारी के विकट समय में सिविल अस्पताल ने जो सेवा भावना दिखाई, वह मानवता का सर्वोच्च उदाहरण है। उन्होंने कहा कि “जब पूरा विश्व भय में था, तब सिविल अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों ने अपने परिवारों से दूर रहकर हज़ारों मरीजों की सेवा की।”
इस अवसर पर परमार्थ फाउंडेशन की कोमल बचकानीवाला, सिम्मी बचकानीवाला, ध्रुव सुतारिया, आरएमओ डॉ. केतन नायक, कमलेश परमार, शैलेश नाई, वीरेन पटेल और आदिल कड़ीवाला सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता एवं नर्सिंग विद्यार्थी उपस्थित रहे।