सूरत : महिला स्वास्थ्य पर सत्र — "आत्म-प्रेम और संतुलित आहार से ही है सशक्त नारी की पहचान"
चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने दी उपयोगी जानकारियाँ, कहा — 78% कामकाजी महिलाएँ स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहीं हैं
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) द्वारा रविवार, 12 अक्टूबर 2025 को नानपुरा स्थित समृद्धि भवन में ‘महिला स्वास्थ्य : आत्म-प्रेम और संतुलित आहार’ विषय पर एक जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति सजगता, आत्म-देखभाल और संतुलित जीवनशैली के महत्व को रेखांकित करना था।
चैंबर के तत्कालीन अध्यक्ष विजय मेवावाला ने स्वागत भाषण में कहा कि “महिलाएँ परिवार की नींव और समाज के स्वास्थ्य की दिशा निर्धारित करती हैं। यदि महिलाएँ स्वस्थ हैं, तो पूरा समाज स्वस्थ रहता है। लेकिन अक्सर महिलाएँ परिवार की देखभाल में स्वयं के स्वास्थ्य की उपेक्षा कर देती हैं।”
किशोरियों के आहार और जीवनशैली पर बोलते हुए डॉ. दीपा पटेल ने कहा कि “किशोरावस्था में पोषण की कमी आगे चलकर गर्भावस्था संबंधी जटिलताएँ बढ़ा सकती है। किशोरियों को प्रतिदिन लगभग 2300 कैलोरी की आवश्यकता होती है, जबकि लड़कों को 2400 कैलोरी चाहिए।
आजकल फास्ट फूड और असंतुलित खानपान के कारण पीसीओएस और मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। आहार में गेहूं और चावल की बजाय बाजरा जैसे पारंपरिक अनाज को प्राथमिकता देनी चाहिए।”
डॉ. रूपल शाह ने महिला स्वास्थ्य से जुड़े आँकड़े साझा करते हुए कहा, “एक रिपोर्ट के अनुसार, 78% कामकाजी महिलाएँ मोटापे, अवसाद, पुराने पीठ दर्द, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और गुर्दे की समस्याओं से ग्रस्त हैं। वर्तमान में हर 10 में से 1 लड़की पीसीओएस से पीड़ित है। इस स्थिति से बचने के लिए योग, नियमित व्यायाम और संतुलित आहार ही सबसे प्रभावी उपाय हैं।”
मानसिक संतुलन और आत्म-प्रेम पर प्रकाश डालते हुए डॉ. तृप्ति पटेल ने कहा, “व्यक्ति का खुद से रिश्ता, आत्म-सम्मान और आत्म-देखभाल आत्मविश्वास की नींव हैं। दूसरों को खुश करने की बजाय खुद से प्यार करना, स्वयं पर विश्वास रखना और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना ही सच्चा आत्म-प्रेम है।”
सत्र में चैंबर के कार्यवाहक अध्यक्ष अशोक जीरावाला, जन स्वास्थ्य समिति के सदस्य और बड़ी संख्या में महिलाएँ उपस्थित थीं। चैंबर समूह अध्यक्ष राकेश गांधी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की, जबकि जन स्वास्थ्य समिति की अध्यक्ष डॉ. पारुल वडगामा ने वक्ताओं का परिचय कराया।
सत्र का संचालन डॉ. राजन देसाई ने किया और अंत में रितेश बोडावाला ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम के समापन पर उपस्थित महिलाओं ने वक्ताओं से स्वास्थ्य संबंधी प्रश्न पूछे, जिनका विशेषज्ञों ने संतोषजनक उत्तर दिया।यह सत्र महिलाओं के लिए न केवल ज्ञानवर्धक बल्कि आत्म-जागरूकता को प्रोत्साहित करने वाला प्रेरक अनुभव साबित हुआ।