सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स ने श्रमिक बीमा योजना की SPREE और एमनेस्टी योजनाओं पर संगोष्ठी का आयोजन
एमनेस्टी योजना उद्योगों के लिए अदालत के बाहर समझौते का उत्कृष्ट अवसर : दीपक मलिक , SPREE योजना से पात्र श्रमिकों को पुराने बकाये के बिना बीमा सुरक्षा : अधिवक्ता आनंद मेहता
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा सरसाणा स्थित समहति में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) की SPREE और एमनेस्टी योजना पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस संगोष्ठी का उद्देश्य उद्योग जगत के सदस्यों को इन दोनों योजनाओं के प्रावधानों, लाभों और अनुपालन प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक करना था।
वरिष्ठ श्रम विधि सलाहकार अधिवक्ता आनंद मेहता ने SPREE योजना पर अपने संबोधन में कहा कि SPREE (Scheme for Promoting Registration of Employers and Employees) का उद्देश्य उद्योगों को स्वैच्छिक रूप से ESIC से जोड़ना है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत वे संस्थान और कर्मचारी जो अभी तक ईएसआईसी से संबद्ध नहीं हैं, वे पुराने बकाये की मांग के बिना पंजीकरण करा सकते हैं। इस पहल से ऐसे नए नियोक्ताओं और कर्मचारियों को लाभ मिलेगा जिन पर किसी प्रकार की पिछली देनदारी नहीं होगी।
ESIC के संयुक्त निदेशक (SRO-सूरत) दीपक मलिक ने एमनेस्टी योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एमनेस्टी योजना 1 अक्टूबर 2025 से 30 सितंबर 2026 तक लागू रहेगी। इस योजना के तहत उद्योगों को अदालत के बाहर लंबित मामलों के निपटारे का अवसर मिलेगा, जिससे वे अपनी पुरानी देनदारियों को दंडात्मक परिणामों के बिना नियमित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यह पहल सामाजिक सुरक्षा ढांचे को मजबूत बनाने और उद्योगों को अनुपालन में सहूलियत प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
दीपक मलिक ने आगे बताया कि नौकरी छूटने की स्थिति में भी ईएसआईसी के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को विभिन्न लाभ प्राप्त हो सकते हैं। उन्होंने ईएसआईसी मेडिकल कॉलेजों में काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों को मिलने वाले शैक्षणिक और स्वास्थ्य लाभों पर भी प्रकाश डाला।
संगोष्ठी की शुरुआत में चैंबर के समूह अध्यक्ष डॉ. विजय रादडिया ने स्वागत भाषण देते हुए प्रतिभागियों का अभिनंदन किया। कार्यक्रम का समापन प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें उद्यमियों और सदस्यों ने योजनाओं के व्यावहारिक कार्यान्वयन से संबंधित सवाल पूछे।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में उद्यमी, उद्योग प्रतिनिधि और चैंबर सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम ने उद्योग जगत और सरकारी विभागों के बीच संवाद और सहयोग को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित किया।