राजकोट जिले के सर्वश्रेष्ठ प्रधानाध्यापक बने रामदेवसिंह जडेजा
नवाचार और जनसहयोग से खिजड़िया प्राथमिक विद्यालय को बनाया आदर्श विद्यालय
हर साल 5 अक्टूबर को 'विश्व शिक्षक दिवस' मनाया जाता है। छात्रों के सर्वांगीण विकास में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है। शिक्षकों की निरंतर मेहनत का ही नतीजा है कि अभिभावक भी अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में कराने को प्राथमिकता दे रहे हैं। हम बात करते हैं रामदेवसिंह हितेंद्रसिंह जडेजा की, जिन्हें इस साल राजकोट जिला स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रधानाध्यापक का पुरस्कार मिला है।
विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर खिजड़िया प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामदेवसिंह हितेंद्रसिंह जडेजा को इस वर्ष जिला स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रधानाध्यापक के रूप में सम्मानित किया गया। अपने अभिनव प्रयासों और जनसहयोग से उन्होंने विद्यालय को शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में आदर्श रूप प्रदान किया है।
वर्ष 2003 में शिक्षक के रूप में सेवा शुरू करने वाले जडेजा ने छात्रों को विज्ञान, गणित और खेलों में प्रोत्साहित किया। सीआरसी समन्वयक रहते हुए भी वे विज्ञान-गणित प्रदर्शनी, खेल महोत्सव और गुणोत्सव जैसे आयोजनों में सक्रिय रहे। वर्ष 2015 से खिजड़िया प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक बनने के बाद उन्होंने विद्यालय को स्मार्ट क्लास, योग दिवस, बाल संसद, खेल महोत्सव, आनंद मेला, पर्यावरण भ्रमण और बर्ड वॉचिंग जैसी गतिविधियों से जीवंत बना दिया।
बच्चों के चरित्र निर्माण और मूल्य शिक्षा हेतु उन्होंने माई नोटबुक, आज का गुलाब, आज का दीपक, राम टोपी, अक्षय यात्रा, खोया-पाया जैसी नवाचारी पहलें शुरू कीं। उनकी परियोजनाएँ माई प्लेट-क्लीन प्लेट, माई प्रेजेंस, फ्रॉम विलेज टू वर्ल्ड बच्चों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देती हैं।
पर्यावरण संरक्षण के तहत विद्यालय को प्लास्टिक मुक्त बनाया गया है, जहाँ एकत्रित प्लास्टिक को रीसाइक्लिंग हेतु भेजा जाता है। विद्यालय में औषधीय पेड़ों और किचन गार्डन का विकास किया गया है तथा सिंचाई के लिए ड्रिप प्रणाली का उपयोग किया जाता है।
उनके नेतृत्व में खिजड़िया प्राथमिक विद्यालय ने लगातार पाँच वर्षों तक गुणोत्सव में ए+ ग्रेड प्राप्त किया है और जिला व तालुका स्तर पर पुरस्कार जीते हैं। जडेजा को स्वयं भी कई अवसरों पर प्रतिभाशाली शिक्षक और क्लस्टर स्तरीय सम्मान मिल चुके हैं।