सूरत : एडवोकेट प्रीतिबेन जोशी ने साबित किया — "शिक्षा की कोई उम्र नहीं होती"

32 साल के अनुभव के बाद भी योग में डिप्लोमा में प्रथम श्रेणी, अब कर रही हैं कानून में पीएचडी

सूरत : एडवोकेट प्रीतिबेन जोशी ने साबित किया —

सूरत। 32 वर्षों से अधिक समय से कानूनी पेशे से जुड़ी एडवोकेट प्रीति जिग्नेश जोशी ने यह साबित कर दिया है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। अपने व्यस्त पेशेवर जीवन के बावजूद उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति की है।

कोरोना काल के दौरान उन्होंने बी.कॉम., एल.एल.बी., एल.एल.एम. (व्यावसायिक कानून), एल.एल.एम. (आपराधिक कानून) के साथ-साथ एक्सपर्ट इम्पोर्ट मैनेजमेंट, ज्योतिष, वास्तु शास्त्र और मंदिर प्रबंधन में भी डिप्लोमा हासिल किए। हाल ही में उन्होंने सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, वेरावल से योग में डिप्लोमा प्रथम श्रेणी में पूरा किया है।

वर्तमान में प्रीतिबेन कानून में पीएचडी की पढ़ाई शुरू कर चुकी हैं। उन्होंने अपने समर्पण और सतत प्रयासों से यह संदेश दिया है कि सीखना कभी रुकना नहीं चाहिए। उनका यह सफर समाज, विशेष रूप से महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है।

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