यौन उत्पीड़न के आरोपी स्वयंभू बाबा चैतन्यानंद को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया

यौन उत्पीड़न के आरोपी स्वयंभू बाबा चैतन्यानंद को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया

नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) दिल्ली के एक निजी संस्थान में 17 छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी स्वयंभू बाबा चैतन्यानंद सरस्वती को रविवार को यहां की एक अदालत ने पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

ड्यूटी मजिस्ट्रेट रवि ने यह आदेश दिया।

रविवार सुबह आगरा से गिरफ्तार किए गए 62 वर्षीय आरोपी को अपराह्न 3:40 बजे न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया।

बहस के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि चैतन्यानंद ने कई छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की तथा उनसे यौन संबंध बनाने की मांग की और पीड़िताओं की गवाही ने आरोपों की पुष्टि की है।

अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया, “चैतन्यानंद उन्हें (लड़कियों को) धमकियां दी थीं। उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे - कुछ कैमरे शौचालय में भी लगाए गए थे। लगभग 16 लड़कियों ने शिकायत की है। कई अन्य आरोपों की पुष्टि की जानी है।”

आरोपी के वकील ने हिरासत में पूछताछ की मांग का विरोध करते हुए कहा कि सभी 16-20 छात्राओं ने पहले ही अपने बयान दर्ज करा दिए हैं।

वकील ने अपने मुवक्किल के हवाले से कहा, “आपने पहले ही मेरे फोन, एक आईपैड और मेरा सामान ले लिया है। मैं मधुमेह से पीड़ित हूं और मुझे बेचैनी की समस्या है। मेरे भिक्षु वाले वस्त्र छीन लिए गए हैं।”

उन्होंने दलील दी, “मुझे (चैतन्यानंद को) अपने वस्त्र पहनने की अनुमति नहीं है। आप केवल मुझे परेशान करने के लिए पुलिस हिरासत चाहते हैं। यदि आपको लगता है कि (महिलाओं के लिए) कोई खतरा है, तो मुझे न्यायिक हिरासत में लेकर उसका उपाय किया जा सकता है।”

शिकायतकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि पुलिस हिरासत की आवश्यकता है, क्योंकि आरोपी का पीड़िताओं के बयान और डिजिटल एवं अन्य साक्ष्यों के साथ सामना कराना होगा।

जवाब में बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि अभियोजन पक्ष “खोखले शब्दों” का इस्तेमाल कर रहा है।

शिकायतकर्ता के वकील ने कहा, “एक गवाह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर उसने शिकायत करने की हिम्मत की, तो उसे उठा लिया जाएगा। जांच, जो अभी प्रारंभिक चरण में है, उसमें छेड़छाड़ का खतरा है। धोखाधड़ी के अपराध के लिए एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें आरोपी की अग्रिम जमानत खारिज कर दी गई है।”

वकील ने कहा, “यह पहली बार है, जब वह दो महीने में जांच में शामिल हुआ है। आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। उसने अपने आईपैड और आईक्लाउड के पासवर्ड नहीं बताए हैं। सिर्फ जब्ती काफी नहीं है।”

बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के आचरण का पुलिस हिरासत की मांग वाली याचिका से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा, “उनके पास लगभग 40 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज हैं। उन्हें पुलिस हिरासत की आवश्यकता बतानी होगी।”

इससे पहले, पुलिस ने चैतन्यानंद के बैंक खातों और सावधि जमा के रूप में जमा करोड़ों रुपये जब्त कर लिए थे।

प्राथमिकी के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली स्थित एक प्रबंधन संस्थान के पूर्व अध्यक्ष चैतन्यानंद ने कथित तौर पर छात्राओं को देर रात अपने आवास में आने के लिए मजबूर किया और उन्हें अनुचित संदेश भेजे।

प्राथमिकी के मुताबिक, वह अपने फोन के जरिये छात्राओं की गतिविधियों पर कथित तौर पर नजर रखता था।

इसमें कहा गया है कि जांच ​​के दौरान पता चला कि आरोपी ने कथित तौर पर अलग-अलग नामों और विवरणों का इस्तेमाल करके कई बैंक खाते खुलवाए तथा अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद 50 लाख रुपये से अधिक की राशि निकाली थी।

आरोप है कि उसने खाता खुलवाते समय कथित तौर पर अलग-अलग विवरण वाले दस्तावेज जमा किए।

पुलिस को उसके पास से फर्जी विजिटिंग कार्ड भी मिले, जिसमें उसका संयुक्त राष्ट्र और ब्रिक्स से जुड़ाव दिखाया गया था।