सूरत : सभी को साथ लेकर चलने की संस्कृति भागवान रामजी की : राधाकृष्णजी महाराज
श्रीराम गौ भक्ति महोत्सव कथा के पांचवें दिन राम जन्म से विवाह तक के प्रसंगों का महाराजजी ने भावपूर्ण वर्णन किया
गौऋषि परम श्रद्धेय स्वामी श्री दत्तशरणानंदजी महाराज की प्रेरणा से लोक पूण्यार्थ न्यास शाखा, सूरत द्वारा आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम गौ भक्ति महोत्सव कथा का आयोजन सिटी लाइट स्थित अग्रसेन पैलेस के पंचवटी हॉल में जारी है। यह आयोजन स्वर्गीय गोभक्त गजानंदजी कंसल एवं राधावल्लभजी जालान की स्मृति को समर्पित है। कथा के मुख्य मनोरथी श्रीमती गीता देवी गजानंदजी कंसल (कंसल ग्रुप), जयप्रकाशजी अग्रवाल (रचना ग्रुप) और सुभाषजी अग्रवाल (सुभाष साड़ी) हैं।
कथा महोत्सव के पांचवें दिन व्यासपीठ से गोवत्स राधाकृष्णजी महाराज ने भगवान श्रीराम के प्रकटोत्सव से लेकर नामकरण, गुरुकुल शिक्षा, धनुष यज्ञ और सीता-राम विवाह तक के प्रसंगों का अत्यंत मार्मिक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान के 24 अवतार हैं, किंतु अयोध्या और वृंदावन धाम इसलिए विशेष हैं क्योंकि यहां भगवान घर-घर जाकर सबके साथ आत्मीयता से जुड़े। महाराजजी ने दशरथ और राम के प्रसंगों को बताते हुए कहा कि सच्चा राजा वही है जो अपनी प्रजा के बीच जाकर उनकी वास्तविक स्थिति को समझे।
महाराजजी ने अपने प्रवचन में पिता की महत्ता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पिता ही संतान का भाग्य विधाता होता है, लेकिन दुर्भाग्य है कि आज की पीढ़ी माता-पिता की सेवा और महत्व को भूलती जा रही है। संतान को जीवन में मिली सफलता में पिता की दूरदृष्टि का योगदान हमेशा याद रखना चाहिए। वह संतान भाग्याशाली है जो माता-पिता के साथ रहते हैं। स्वामी रामसुखदासजी साधू होते हुए भी अपने माता-पिता की सेवा ही।
राम विवाह प्रसंग का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि विवाह का उद्देश्य केवल अपना सुख नहीं, बल्कि दूसरों को सुख देना भी है। गुरु की आज्ञा से रघुवर ने शिवधनुष तोड़कर राजा जनक का संताप दूर किया और माता सीता ने श्रीराम के गले में जयमाला डाली। इसके बाद कथा स्थल पर चारों भाइयों की आरती हुई और शोभायात्रा (बारात) निकाली गई।
कार्यक्रम स्थल पर जब श्रीराम-सीता के विवाह का दृश्य प्रस्तुत हुआ तो श्रद्धालु “रामजी की शादी है, झूमकर नाचो रे” जैसे भजनों पर भावविभोर होकर नृत्य करने लगे और वातावरण राममय हो गया।
इस अवसर पर लोक पूण्यार्थ न्यास शाखा के चेयरमैन राकेश कंसल ने बताया कि कथा स्थल पर अखंड गो ज्योति प्रज्वलित है और पूंगनुर नस्ल की गौमाता शिवशक्ति एवं भैय्य गणेश नंदी के दर्शन-पूजन हेतु बड़ी संख्या में श्रद्धालु कर रहे हैं।
मीडिया प्रभारी सज्जन महर्षि, सह मीडिया प्रभारी वरुण बंसल एवं प्रमोद कंसल ने बताया कि शुक्रवार को कमल जैन (शालू), अनिल जैन, रामदास अग्रवाल, विश्वनाथ पचेरिया, अमित खंडेला, विजय चौमाल (पार्षद), शेषमल राजपुरोहित, नेमीचन्द्र शर्मा, जेठाराम ढांका, अंकित सुथार सहित अनेक महानुभावों ने कथा श्रवण किया।