सूरत : किरन मेडिकल कॉलेज में “विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस” पर जागरूकता सत्र

डॉ. प्रशांत कारिया ने छात्रों को दिए जीवन बचाने के सकारात्मक सूत्र

सूरत : किरन मेडिकल कॉलेज में “विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस” पर जागरूकता सत्र

सूरत। “जीवन सिर्फ़ एक बार मिलता है — इसे व्यर्थ मत करो, बल्कि सार्थक बनाओ।” इसी संदेश के साथ किरन मेडिकल कॉलेज, सूरत में तृतीय वर्ष MBBS विद्यार्थियों के लिए “विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस” के अवसर पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया।

सत्र में “यू ओनली लिव वन्स” विषय पर बोलते हुए डॉ. प्रशांत कारिया ने कहा, “हम रोज़ जीते हैं, लेकिन मरते केवल एक बार हैं। आत्महत्या कोई अचानक लिया गया फ़ैसला नहीं है, बल्कि यह कई परिस्थितियों और कमजोर पलों का परिणाम होती है।”

उन्होंने आँकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि हर साल विश्वभर में 7.5 लाख से अधिक लोग आत्महत्या करते हैं, यानी हर 40 सेकंड में एक मौत। इनमें से लगभग 25% केवल भारत में होती हैं और एक-तिहाई लोग 18 से 30 वर्ष की आयु वर्ग के होते हैं।

डॉ. कारिया ने कहा कि आत्महत्या से पहले 80% लोग कोई न कोई चेतावनी संकेत देते हैं। इनमें अकेलापन, नशे की लत, विदाई लेना, कीमती वस्तुएँ बाँटना, आक्रामकता, नींद-खानपान की आदतों में बदलाव और सोशल मीडिया पर चिंताजनक पोस्ट शामिल हैं।

उन्होंने आत्महत्या की प्रवृत्ति के मुख्य कारणों में शैक्षणिक दबाव, करियर की चिंता, माता-पिता की अपेक्षाएँ, ब्रेकअप, लाइलाज बीमारी और सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभावों को गिनाया।

छात्रों को मार्गदर्शन देने के लिए उन्होंने “PRASHANT” सूत्र प्रस्तुत किया —

क्या न करें (Negative PRASHANT): घबराना, बहस करना, अनदेखा करना, धमकाना आदि।

क्या करें (Positive PRASHANT): धैर्य रखना, संवाद करना, सहारा देना, साथ रहना, संवेदनशीलता से पूछना और विशेषज्ञ मदद तक पहुँचाना।

अंत में उन्होंने कहा, “कभी-कभी सबसे बड़ी मदद किसी को जवाब देने में नहीं, बल्कि शांत रहकर उसके दर्द में साथ खड़े होने में होती है।”

यह सत्र विद्यार्थियों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक रहा बल्कि संवेदनशील और प्रेरणादायी भी साबित हुआ, जिससे उन्हें जीवन बचाने की ज़िम्मेदारी और ताक़त का एहसास हुआ।

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