सूरत : नवी सिविल में गणेश पूजा के साथ अंगदान और स्वदेशी का संदेश

35 वर्षों से जारी परंपरा, महापौर ने की आरती – स्वास्थ्यकर्मियों ने दिया "वोकल फॉर लोकल" और अंगदान का संकल्प

सूरत : नवी सिविल में गणेश पूजा के साथ अंगदान और स्वदेशी का संदेश

सूरत। नवी सिविल अस्पताल में इस वर्ष भी विघ्नहर्ता गणेश की स्थापना धूमधाम से की गई। पिछले 35 वर्षों से अस्पताल के विभिन्न वार्डों और विभागों में पर्यावरण-अनुकूल मिट्टी की प्रतिमाएँ स्थापित करने की परंपरा रही है और विसर्जन भी यहीं अस्पताल परिसर में किया जाता है।

महापौर दक्षेशभाई मावाणी ने गणेशजी की आरती में भाग लेकर मरीजों के स्वास्थ्य और स्वास्थ्यकर्मियों की ऊर्जा-शक्ति की कामना की। इस अवसर पर भगवान सत्यनारायणजी की कथा का आयोजन भी हुआ, जिसमें डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और मरीजों के परिजन शामिल हुए।

आरती के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों ने अंगदान महादान और वोकल फॉर लोकल लिखी तख्तियाँ प्रदर्शित कीं। उनका संदेश था कि अधिक से अधिक लोग अंगदान के माध्यम से जरूरतमंदों को जीवनदान दें और स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग बढ़ाएँ।

महापौर मावाणी ने कहा कि गणेश पूजा का उद्देश्य यही है कि वार्डों में भर्ती मरीज शीघ्र स्वस्थ हों और पीड़ा से मुक्त हों। उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों को प्रेरित किया कि वे इसी भावना से सेवा कार्य करते रहें।

इस अवसर पर गुजरात नर्सिंग काउंसिल के उपाध्यक्ष इकबाल कड़ीवाला ने बताया कि ऑर्गन डोनेशन चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रणेता दिलीपदादा देशमुख के प्रयासों से राज्य में अंगदान गतिविधियों को बल मिला है। गणेशोत्सव के माध्यम से अंगदान और स्वदेशी का संदेश जन-जन तक पहुँचाना ही नवी सिविल की पहल का मुख्य उद्देश्य है।

अस्पताल के डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, सफाई कर्मचारी सुबह-शाम आरती में शामिल होते हैं। विशेष बात यह है कि गणेशोत्सव केवल धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सर्वधर्म समभाव का प्रतीक है, जिसमें हिंदू, मुस्लिम और ईसाई सभी शामिल होकर एकता और संस्कृति का संदेश देते हैं।

कार्यक्रम में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. धारीत्री परमार, आरएमओ डॉ. केतन नायक, नर्सिंग अधीक्षक जिगिषा श्रीमाली, नीरजा पटेल, स्टेफी क्रिश्चियन सहित कई चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और स्थानीय नर्सिंग एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद रहे।

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