सूरत : सुपर डुपर गुजराती फिल्म 'मैंयरमां मनडू नथी लागतूं' फिर से हो रही है रिलीज
सूरत। हाल ही में सिनेमाघरों में बॉलीवुड फिल्म सैयारा ने धूम मचाई है और भारी कलेक्शन किया है। लेकिन इससे भी ज्यादा धूम मचाने वाली एक गुजराती फिल्म 25 साल पहले आई थी, जिसका नाम था मैंयरमां मनडू नथी लागतूं।
यह फिल्म इतनी सुपरहिट रही थी कि लगातार 52 हफ्तों तक सिनेमाघरों में चली, इससे अधिक भी चल सकती थी, लेकिन दूसरी फिल्मों को मौका देने के लिए इसे हटा लिया गया था। उस जमाने में इस फिल्म को देखने के लिए लंबी-लंबी कतारें लगती थीं और लोग ब्लैक में टिकट खरीदकर इसे देखने जाते थे।
फिल्म इतनी संवेदनशील तरीके से बनाई गई थी कि दर्शक रो पड़ते थे और क्लाइमेक्स में तो कई सिनेमाघरों में महिलाएं बेहोश हो जाने की घटनाएं भी हुई थीं। अब एक बार फिर यह फिल्म सिनेमाघरों में धूम मचाने के लिए तैयार है और 12 सितंबर 2025 को रिलीज होने वाली है।
शायद यह पहली बार था जब किसी गुजराती फिल्म को इतना प्यार, उत्साह और इतना जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था। फिल्म के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर सूरत के मशहूर स्क्रिप्ट राइटर जशवंत गांगाणी थे। फिल्म के मुख्य कलाकार हितेन कुमार और आनंदी त्रिपाठी थे।
कुछ लोकप्रिय गीतों को अरविंद बारोट ने अपनी आवाज दी थी और बाल कलाकार के रूप में सूरत की कलाकार तृषारिका राज्यगुरु ने अभिनय किया था। गांगाणी फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले यह रिलीज हुई थी।
फिल्म के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर जशवंत गांगाणी ने कहा कि काफी समय से उनके दोस्तों और छोटे भाई राज गांगाणी के साथ इस बात की चर्चा चल रही थी कि मैंयरमां मनडू नथी लागतूं को फिर से रिलीज करना चाहिए। इसका कारण यह है कि फिल्म की कहानी आज के समय में भी उतनी ही आकर्षक और प्रासंगिक है।
जशवंत गांगाणी ने बताया कि फिल्म का कथानक कुछ इस तरह है कि राम (हितेन कुमार) और रतन (आनंदी त्रिपाठी) एक-दूसरे से प्यार करते हैं। शादी के दौरान ही राम के मुंह से खून निकलता है और पता चलता है कि उसे कैंसर है। शादी अधूरी रह जाती है, लेकिन रतन का राम के प्रति इतना गहरा प्यार है कि वह उसका इंतजार करती है।
भगवान में उसकी आस्था के कारण राम का कैंसर ऑपरेशन सफल होता है और कहानी का अंत सुखद होता है। इस फिल्म की वजह से कई परिवार टूटने से बच गए। हम 5 सितंबर को मैंयरमां मनडू नथी लागतूं को फिर से रिलीज कर रहे हैं।
फिल्म के मुख्य अभिनेता हितेन कुमार ने कहा कि 25 साल बाद हमारी फिल्म फिर से रिलीज हो रही है, जिससे पुरानी यादें ताजा हो गई हैं। साथ ही हमें बहुत खुशी भी हो रही है। शूटिंग के दौरान करीब डेढ़ महीने तक हम सभी ने साथ में खूब मस्ती की थी, वो सारी बातें याद आ गईं। हितेन कुमार ने कहा कि मैंयरमां मनडू नथी लागतूं को रिलीज हुए 25 साल बीत गए, लेकिन यह आज भी हमारे दिलों में उतनी ही ताजा है।
आनंदी त्रिपाठी का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ है और उन्हें गुजराती नहीं आती थी। फिर भी इस फिल्म में उनकी कास्टिंग हुई और इसके बाद उन्होंने 17 गुजराती फिल्मों में काम किया। आनंदी ने कहा कि 25 साल बाद हमारी फिल्म फिर से पर्दे पर आ रही है, यह बहुत खुशी की बात है। इस फिल्म में काम करने का एक अलग ही मजा था।
तृषारिका राज्यगुरु ने इस फिल्म में रतन की भतीजी सोनल के रूप में बाल कलाकार की भूमिका निभाई थी। आज तृषारिका एक युवा कलाकार बन चुकी हैं। तृषारिका ने कहा कि मैं इस फिल्म में बाल कलाकार थी, इसलिए सभी मेरा बहुत ख्याल रखते थे, मेरे साथ मस्ती करते थे। मेरी इच्छा है कि जशवंत गांगाणी इस फिल्म को फिर से बनाएं और मुझे रतन का किरदार निभाने का मौका मिले।
अरविंद बारोट ने कहा कि इस फिल्म के गाने गुजराती संस्कृति, प्रेम और पारिवारिक भावनाओं को दर्शाते हैं। गाने इतने लोकप्रिय हुए कि आज भी लोग यूट्यूब पर इन्हें सुन रहे हैं। मैं जशवंत गांगाणी को बधाई देना चाहता हूं कि वे इस शानदार फिल्म को फिर से ला रहे हैं।