सूरत : मांडवी के सरकोई गाँव में वनभाजी महोत्सव का भव्य आयोजन

आइडियल इमेज ट्रस्ट और भारत विकास परिषद, सूरत मेईन द्वारा संयुक्त पहल – पाँच गाँवों की 22 महिलाओं ने प्रस्तुत की पारंपरिक जंगली सब्ज़ियाँ

सूरत : मांडवी के सरकोई गाँव में वनभाजी महोत्सव का भव्य आयोजन

सूरत ज़िले के मांडवी तालुका के सरकोई गाँव में आइडियल इमेज ट्रस्ट और भारत विकास परिषद, सूरत मेईन के संयुक्त तत्वावधान में वनभाजी महोत्सव का आयोजन हुआ। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों व स्थानीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ स्वागत भाषण से हुआ, जिसे धर्मेश शाह (प्रांतीय अध्यक्ष, भारत विकास परिषद गुजरात दक्षिण प्रांत एवं मंत्री, आईआईटी) ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान जंगल में पाई जाने वाली सब्ज़ियाँ स्वादिष्ट और पौष्टिक होती हैं, जो वर्ष में सिर्फ़ एक बार मिलती हैं और पूरे साल स्वास्थ्य लाभ देती हैं। प्राचीन समय में आदिवासी समाज इन जंगली सब्ज़ियों को स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए नियमित रूप से उपयोग में लाता था। इसी परंपरा को जीवित रखने के लिए वनभाजी महोत्सव का आयोजन किया जाता है।

मांडवी तालुका पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष कमलेशभाई चौधरी ने कहा कि हमें विदेशी भोजन संस्कृति की अपेक्षा स्थानीय भोजन परंपरा को अधिक अपनाना चाहिए। वहीं आदिवासी कल्याण परिषद, गुजरात के प्रांतीय कला आयाम समन्वयक नटूभाई चौधरी ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को पुरानी पीढ़ी से इन सब्ज़ियों की जानकारी लेकर आगे की पीढ़ियों तक पहुँचाना चाहिए, ताकि यह परंपरा लुप्त न हो। 

D29082025-04

भारत विकास परिषद, सूरत मेईन के अध्यक्ष भावेशभाई ओझा ने भी इसी बात को दोहराते हुए पीढ़ी दर पीढ़ी इस परंपरा के संरक्षण पर बल दिया। वडोदरा से आए शा.वि.प्र. परिषद के प्रबंधक मौलिकभाई पटेल ने सुझाव दिया कि इन दुर्लभ जंगली सब्ज़ियों और उनके औषधीय नुस्खों का दस्तावेजीकरण कर पुस्तक तैयार की जानी चाहिए, ताकि विदेशी ताकतें इन्हें पेटेंट कर अपना न बना लें।

महोत्सव में पाँच गाँवों की 22 बहनों ने विभिन्न प्रकार की वन सब्ज़ियाँ बनाकर उनके महत्व की जानकारी दी। कार्यक्रम को सफल बनाने में आदर्श परिसर सेवा समिति के शाकाभाई, सुकाभाई, परेशभाई, संदीपभाई, बालूभाई, सुखानंदभाई, निरंजनाबेन, आशाबेन, मनीषाबेन, श्रीनिवास भाई, प्रद्युम्नभाई, विपुलभाई तथा भारत विकास परिषद के फील्ड समन्वयक अमर सिंह का विशेष योगदान रहा। यह आयोजन न केवल स्वास्थ्यप्रद भोजन परंपरा को प्रोत्साहित करता है, बल्कि स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोने का प्रयास है।

Tags: Surat