सूरत में ब्रेन डेड मरीज़ के अंगों ने छह लोगों को दिया नया जीवन

रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर परिवार ने किया अंगदान, एक साथ 6 ज़रूरतमंदों की जान बची

सूरत में ब्रेन डेड मरीज़ के अंगों ने छह लोगों को दिया नया जीवन

सूरत। रक्षाबंधन के पावन पर्व की पूर्व संध्या पर, सूरत के स्मीमेर अस्पताल में एक हृदयविदारक घटना मानवता की मिसाल बन गई। हीरा कारखाने में काम करने वाले प्रवीणभाई हरिभाई नाकरानी (52) को ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद, उनके परिवार ने अंगदान का एक बड़ा फैसला लिया। इस फैसले से छह ज़रूरतमंद लोगों को नया जीवन मिला। 

डोनेट लाईफ संस्था के निलेश मांडलेवाला ने जानकारी देते हुए कहा कि सरथाणा वी.टी.नगर, मेघ मल्हारा रेसिडेन्सी के निवासी  प्रवीणभाई 4 अगस्त को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें स्मीमेर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कई दिनों तक चले इलाज के बाद, डॉक्टरों ने उन्हें 7 अगस्त को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसकी जानकारी डोनेट लाइफ संस्था के संस्थापक नीलेश मंडलेवाला को दी गई, जिन्होंने तुरंत प्रवीणभाई के परिवार से संपर्क किया।

परिवार के सदस्यों, खासकर उनके भतीजे धर्मेशभाई ने भावुक होकर कहा, "हमारा परिवार सामान्य है और जीवन में कुछ बड़ा दान नहीं कर सकते, लेकिन आज जब हमारे चाचा ब्रेन डेड हो गए हैं, तो हमें उनके अंगों का दान ज़रूर करना चाहिए ताकि ज़रूरतमंदों को नया जीवन मिल सके।" परिवार की इस महान भावना के बाद, अंगदान की प्रक्रिया शुरू की गई। 

प्रवीणभाई के अंगों से 6 लोगों को मिला जीवनदान। हृदय: अहमदाबाद के यू.एन. मेहता अस्पताल में एक 57 वर्षीय व्यक्ति में और लीवर सूरत के किरण अस्पताल में मुंबई के एक 38 वर्षीय व्यक्ति को प्रत्यारोपित किया गया।

दो ज़रूरतमंद मरीजों को अहमदाबाद के अस्पताल में किडनी दी गई।दो ज़रूरतमंद मरीज़ों को आँखों का दान किया गया, जिससे उन्हें नई दृष्टि मिली।

अंगों को समय पर अहमदाबाद पहुँचाने के लिए सूरत पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया। सूरत पुलिस ने अब तक 135 ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंगदान को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है। डोनेट लाइफ संस्था ने अब तक कुल 1,336 अंग और ऊतक दान किए हैं, जिससे 1,232 से ज़्यादा लोगों को नया जीवन मिला है।