सूरत : अंगदान के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए न्यू सिविल अस्पताल को मिला राष्ट्रीय सम्मान 

72 अंगदान, 250 से अधिक ज़िंदगियों को दिया नया जीवन; केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा ने नई दिल्ली में किया सम्मानित

सूरत : अंगदान के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए न्यू सिविल अस्पताल को मिला राष्ट्रीय सम्मान 

सूरत का न्यू सिविल अस्पताल अंगदान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए "सर्वश्रेष्ठ गैर-प्रत्यारोपण अंग पुनर्प्राप्ति केंद्र" के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुआ है। तीन अगस्त को पूरे देश में राष्ट्रीय अंगदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। 15वें राष्ट्रीय अंगदान दिवस के अवसर पर, अंगदान के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को सराहना (सम्मानित) करने के लिए शनिवार को नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में NOTTO द्वारा आयोजित 
एक समारोह में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने सूरत के न्यू सिविल अस्पताल को 'सर्वश्रेष्ठ गैर-प्रत्यारोपण अंग पुनर्प्राप्ति केंद्र' का पुरस्कार प्रदान किया।

यह सम्मान 2 अगस्त को राष्ट्रीय अंगदान दिवस की पूर्व संध्या पर NOTTO (राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दिया गया। न्यू सिविल अस्पताल द्वारा अब तक 72 अंगदान के ज़रिए 250 से अधिक ज़रूरतमंदों को नया जीवन दिया जा चुका है।

पुरस्कार ग्रहण करने के लिए अस्पताल की ओर से मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. धारित्री परमार, आरएमओ डॉ. केतन नायक, गुजरात नर्सिंग काउंसिल के उपाध्यक्ष इकबाल कड़ीवाला, तथा न्यूरोसर्जन डॉ. मेहुल मोदी उपस्थित रहे। 

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इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने भी नई दिल्ली के गरवी गुजरात भवन में न्यू सिविल अस्पताल की टीम से मुलाकात की और उन्हें इस उपलब्धि पर बधाई दी।

नवी सिविल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. धारित्री परमार ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सूरत नवी सिविल को प्राप्त पुरस्कार प्रत्येक अंगदाता और उनके परिवारों को समर्पित है। अंगदान चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष दिलीपदादा देशमुख के मार्गदर्शन और प्रेरणा से सिविल की स्वास्थ्य टीम ने अंगदान में हमेशा टीम वर्क के साथ सेवा की है। यह बहुत बड़ा पुण्य का काम है कि ब्रेन डेथ के अधिकतम मामलों में अंगदान किया जाता है और जरूरतमंद लोगों को अंगदान के माध्यम से नया जीवन मिलता है। 

उल्लेखनीय है कि सूरत नवी सिविल से कुल 126 गुर्दे, 57 लीवर, 26 आँखें (कॉर्निया), 12 फेफड़े, 9 हाथ, 6 दिल, 6 छोटी आंत, 2 अग्न्याशय, 1 रेडियल फोरआर्म फ्लैप (RAFF) दान किये गये हैं। 

आरएमओ डॉ. केतन नायक ने अंगदान प्रक्रिया में परिवारों के साथ समन्वय और परामर्श की भूमिका को अत्यंत संवेदनशील और सेवा भाव से भरपूर बताया। उन्होंने कहा कि अंगदान की प्रक्रिया में शुरू से अंत तक समन्वयक के रूप में काम करने का अवसर मिलना मेरे लिए बहुत बड़ी सेवा है।

नर्सिंग काउंसिल के उपप्रमुख इकबाल कड़ीवाला ने कहा कि “ब्रेन डेथ घोषित करना और कठिन समय में परिजनों से सहमति लेना सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसे हमारी टीम ने सफलता से निभाया है।” उन्होंने कहा कि अंगदान अंगों की जरूरत वाले हजारों लोगों के जीवन में नई रोशनी लाता है।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय अंगदान दिवस हर वर्ष 3 अगस्त को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य अंगदान के प्रति जनजागरूकता फैलाना और अंगदाताओं के मानवता भरे योगदान को सम्मानित करना है। यह दिवस पहली बार वर्ष 2010 में मनाया गया था। NOTTO के माध्यम से भारत सरकार इस क्षेत्र में निरंतर सुधार और संवेदनशीलता के साथ कार्यरत है, और सूरत का न्यू सिविल अस्पताल इस सेवा में एक प्रेरणास्पद उदाहरण बनकर सामने आया है।

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