सूरत : गुजरात में कर संग्रह में ऐतिहासिक वृद्धि- प्रधान आयकर आयुक्त
चैंबर द्वारा आयोजित आयकर सम्मेलन में सतीश शर्मा ने करदाताओं और पेशेवरों को संबोधित किया
सूरत। गुजरात राज्य के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त सतीश शर्मा ने सूरत में आयोजित एक आयकर सम्मेलन में उद्यमियों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए), और कर सलाहकारों को संबोधित किया।
इस सम्मेलन का आयोजन दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, ऑल गुजरात फेडरेशन ऑफ टैक्स कंसल्टेंट्स, और गुजरात स्टेट टैक्स बार एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। इस दौरान शर्मा ने बताया कि पिछले 35 वर्षों में आयकर विभाग के कर संग्रह में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
सतीश शर्मा ने कहा कि पिछले 35 सालों में विभाग का कर संग्रह ₹10,000 करोड़ से बढ़कर ₹2.25 लाख करोड़ हो गया है। उन्होंने इस सफलता का श्रेय पेशेवरों, करदाताओं और उद्योग जगत को दिया। उन्होंने आँकड़े पेश करते हुए बताया कि 35 साल पहले जहाँ 40 लाख लोग रिटर्न दाखिल करते थे, वहीं अब यह संख्या 9 करोड़ से ज़्यादा हो गई है। उन्होंने 'फेसलेस मूल्यांकन पद्धति' की सराहना करते हुए कहा कि इसने प्रक्रिया को तेज़ और पारदर्शी बनाया है।
चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा कि भारत का कर ढांचा अभी भी एक पहेली की तरह लगता है। उन्होंने कहा कि ज़्यादातर विवाद व्याख्या से जुड़े होते हैं। मद्रासी ने यह भी कहा कि अगर कोई अनजाने में गलती करता है, तो उसे दंडित करने के बजाय समर्थन देना चाहिए।
सम्मेलन में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में गुजरात उच्च न्यायालय के अधिवक्ता मनीष शाह ने कर संबंधी मुद्दों पर चर्चा की। इसके अलावा, अहमदाबाद के तपस रूपारेलिया ने बताया कि कैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और टेक्नोलॉजी का उपयोग कर कार्यों को आसान बनाया जा सकता है।
सम्मेलन में ऑल गुजरात फेडरेशन ऑफ टैक्स कंसल्टेंट्स के अध्यक्ष आशुतोष ठक्कर, गुजरात स्टेट टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र करकर, और टैक्स एडवोकेट एसोसिएशन गुजरात के अध्यक्ष एडवोकेट अनिल टिंबाडिया ने भी अपने विचार रखे। इस आयोजन में सूरत के कई उद्यमी, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, और करदाता मौजूद थे।