राजकोट में पहली बार संस्कृत गौरव पदयात्रा का हुआ आयोजन
संस्कृत सप्ताह महोत्सव का भव्य शुभारंभ, 1700 छात्रों ने दिखाई प्राचीन संस्कृति की झलक
राजकोट के इतिहास में पहली बार आयोजित संस्कृत गौरव पदयात्रा और संस्कृत सप्ताह महोत्सव का उद्घाटन सोमवार को न्यू एरा स्कूल परिसर में भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ महापौर नयनाबेन पेढाडिया और विधायक डॉ. दर्शिताबेन शाह की विशेष उपस्थिति में किया गया। इस दौरान लगभग 1700 छात्र संस्कृत गौरव पदयात्रा में शामिल हुए और भारत की प्राचीन संस्कृति को दर्शाती आकर्षक झांकियों के साथ शहरवासियों को संस्कृत की महत्ता का संदेश दिया।
यह महोत्सव गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग के राज्य संस्कृत बोर्ड द्वारा 6 अगस्त से 12 अगस्त तक आयोजित किया जा रहा है। न्यू एरा स्कूल से शुरू हुई पदयात्रा जिला पंचायत चौक तक पहुंची, जिसमें राजकोट के 35 स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
महापौर नयनाबेन पेढाडिया ने इस अवसर पर कहा, "संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीन और वैज्ञानिक भाषा है। पाश्चात्य प्रभाव के इस युग में हमें अपनी भाषाई विरासत को पहचानना और अपनाना चाहिए। आइए हम सभी मिलकर संस्कृत सीखें, समझें और दैनिक जीवन में उसका प्रयोग करें।"
वहीं विधायक डॉ. दर्शिताबेन शाह ने संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी बताते हुए कहा, "संस्कृत हमारी संस्कृति का मूल है। जब तक हम अपनी विरासत को सुरक्षित नहीं रखेंगे, तब तक संपूर्ण प्रगति अधूरी रहेगी। गुजरात सरकार संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए सतत प्रयासरत है।"
कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इनमें 'भवतु भारतम्' गीत पर नृत्य, सरोजिनी नायडू गर्ल्स स्कूल की छात्राओं का शास्त्रीय नृत्य, न्यू एरा स्कूल की छात्राओं का ‘मधुराष्टकम’ भजन पर नृत्य, धर्मेंद्र सिंह आर्ट कॉलेज की छात्राओं द्वारा संस्कृत गरबा, और श्रीकृष्ण-अर्जुन की भूमिका में गीता के श्लोकों की प्रस्तुति प्रमुख रही।
इस मौके पर स्मृति चिन्ह देकर बैंकों के प्रतिनिधियों और स्कूल प्रशासकों को सम्मानित किया गया। साथ ही संस्कृत साहित्य, वस्तुएं और पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे अतिथियों ने सराहा। पदयात्रा में भाग लेने वाले छात्रों को विशेष टोपियाँ वितरित की गईं।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और भक्ति भजनों के साथ हुई। अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ और पुस्तकों से किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी दीक्षितभाई पटेल ने मौखिक स्वागत किया, जबकि संचालन शिक्षा निरीक्षक महेशभाई धंधुकिया और शिक्षक भावेशभाई भट्ट ने किया। संस्कृत में श्लोकों का अद्भुत ज्ञान रखने वाले उत्तमभाई मारू को पुष्पगुच्छ देकर विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
इस आयोजन में जिला विकास अधिकारी आनंदु सुरेश गोविंद, उप जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अशोकभाई वानवी, नोडल अधिकारी योगेशभाई भट्ट, और कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। यह आयोजन संस्कृत के गौरव और भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पण का एक प्रेरणादायक उदाहरण बना।