सूरत के पाल क्षेत्र में माँ मेलडी महाकाली शक्तिधाम: स्फटिक शिवलिंग सहस्र लिंग और क्षेत्रपाल भैरव के दर्शनों से होती हैं मनोकामनाएँ पूर्ण
51 इंच ऊंची क्षेत्रपाल भैरव की मूर्ति, 51 शक्तिपीठों का प्रतिनिधित्व करता हुआ जलकुंड जिसमें जल कलश स्थापित किया गया है
सूरत पाल क्षेत्र महादेव चैरिटेबल ट्रस्ट और प्रसिद्ध शिव कथावाचक श्री रमेश गिरी बापू के मार्गदर्शन में निर्मित माँ मेलडी महाकाली शक्तिधाम श्रद्धालुओं के लिए आस्था और आध्यात्म का एक अद्वितीय केंद्र बन चुका है। श्रावण मास के पावन अवसर पर यहां अभिषेक के लिए आधुनिक सुविधाएँ भी भक्तों को उपलब्ध कराई गई हैं।
इस दिव्य स्थल पर स्फटिक शिवलिंग, क्षेत्रपाल भैरव और विशेष सहस्र लिंग के दर्शन मात्र से ही भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि स्थापत्य और अध्यात्म का अद्भुत संगम भी है।
सर्वगुरुवेश्वर महादेव के रूप में स्थापित स्फटिक शिवलिंग। विश्व का पहला सहस्र कोटिलिंग, जिसमें शीर्ष पर मणिलिंग, और 1,011 नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित किए गए हैं। 51 इंच ऊंची क्षेत्रपाल भैरव की मूर्ति, जो सूरत (सूर्यपुर) के रक्षक माने जाते हैं। 51 शक्तिपीठों का प्रतिनिधित्व करता हुआ जलकुंड, जिसमें जल कलश स्थापित किया गया है। तापी मैया का अति प्राचीन शक्तिपीठ, गौ मंदिर और जल स्थल श्रद्धालुओं की आस्था को और भी दृढ़ बनाते हैं।
श्रावण मास के दौरान यहां पर हजारों की संख्या में शिव भक्त पहुँचते हैं। मंदिर प्रशासन ने इस पावन अवसर पर भक्तों के लिए अभिषेक की आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई हैं, जिससे श्रद्धालु आसानी से पूजा-अर्चना कर सकें।शास्त्रों के अनुसार, यदि कोई शिवभक्त इस स्थल पर आकर सहस्र लिंग पर अभिषेक करता है और 'शिव सहस्र नाम' का जाप करता है, तो उसकी समस्त इच्छाएँ भगवान शिव अवश्य पूर्ण करते हैं।