सूरत : चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा धन्वंतरि पुरस्कार समारोह: मानवता के पुजारियों का सूरत में सम्मान

दक्षिण गुजरात के 75 डॉक्टरों को सम्मान, चार को मिला ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’

सूरत : चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा धन्वंतरि पुरस्कार समारोह: मानवता के पुजारियों का सूरत में सम्मान

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा शनिवार, 2 अगस्त 2025 को सरसाणा, सूरत के सेमिनार हॉल-ए में ‘धन्वंतरि पुरस्कार – मानवता पुजारी पुरस्कार समारोह’ का भव्य आयोजन किया गया। चिकित्सा क्षेत्र में अनुकरणीय सेवाएं देने वाले दक्षिण गुजरात के 75 डॉक्टरों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया, जबकि चार वरिष्ठ चिकित्सकों को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ प्रदान कर उनके दीर्घकालिक योगदान का अभिनंदन किया गया।

सम्मानित वरिष्ठ चिकित्सकों में डॉ. विकासबेन देसाई, डॉ. निर्मल चोरारिया, डॉ. विनोद शाह और डॉ. एस.के. मोहंती शामिल हैं, जिन्होंने पिछले कई दशकों से सूरत में निरंतर नि:स्वार्थ सेवा करते हुए चिकित्सा क्षेत्र को नई ऊंचाइयाँ दी हैं। उनके योगदान को समाज सेवा, व्यावसायिक निष्ठा और मानवीय संवेदना का आदर्श बताया गया।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने अपने उद्बोधन में कहा कि “डॉक्टर केवल चिकित्सक नहीं, बल्कि मानवता के सच्चे रक्षक हैं। कोरोना महामारी जैसे कठिन समय में उन्होंने जान की परवाह किए बिना सेवा की, और ऐसे कर्मवीरों का सम्मान समाज का नैतिक कर्तव्य है।” उन्होंने कहा कि चैंबर ‘सेवा परमो धर्मः’ की भावना से प्रेरित होकर चिकित्सा क्षेत्र को यह सम्मान समर्पित करता है।

कार्यक्रम में चैंबर के उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला, पूर्व अध्यक्ष विजय मेवावाला, कार्यवाहक मानद मंत्री भावेश टेलर, मानद कोषाध्यक्ष सीए मितेश मोदी, जन स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष डॉ. पारुल वडगामा, औद्योगिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता समिति अध्यक्ष डॉ. जगदीश वघासिया तथा पुरस्कार समिति अध्यक्ष मनीष माली सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की रूपरेखा डॉ. पारुल वडगामा ने प्रस्तुत की, जबकि समापन पर डॉ. जगदीश वघासिया ने उपस्थितजनों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन पारुल सोसा, श्रीमती स्नेहा जरीवाला, डॉ. रिंकल जरीवाला, श्रीमती मंजरी देसाई और अंकिता वालंद ने पांच चरणों में किया।

यह आयोजन न केवल चिकित्सा क्षेत्र के प्रति कृतज्ञता की अभिव्यक्ति था, बल्कि समाज में सेवा, समर्पण और संवेदना की मिसाल पेश करने वाले चिकित्सकों को नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्वरूप प्रस्तुत करने का एक सशक्त प्रयास भी रहा।

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