राजकोट : श्रावण में प्रकृति और आस्था का संगम: घेला सोमनाथ के मीनलदेवी मंदिर परिसर में 5000 पौधों से बना 'वन कवच'
'एक पेड़, माँ के नाम' अभियान के तहत मंत्री कुंवरजी बावलिया की उपस्थिति में विशाल वृक्षारोपण कार्यक्रम संपन्न
राजकोट जिले के जसदण तालुका स्थित घेला सोमनाथ मंदिर के समीप मीनलदेवी मंदिर परिसर में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय पहल की गई। श्रावण मास की धार्मिक आस्था के बीच, वन विभाग द्वारा आधा हेक्टेयर भूमि पर 5000 पौधों से ‘वन कवच’ का निर्माण किया गया, जिससे पूरा क्षेत्र हरे-भरे वातावरण में तब्दील होता दिख रहा है।
'एक पेड़, माँ के नाम – 2.0' अभियान के अंतर्गत आयोजित इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में गुजरात सरकार के कैबिनेट मंत्री कुंवरजीभाई बावलिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में देशी आम, नीम, पीपल, अर्जुन, जामुन, चंदन, बहेड़ा, फालसा, करमदा, गूगल, सीताफल, पारिजात, करंज, सिदुरी, सरगवा जैसे फलदार, औषधीय, छायादार और सजावटी कुल 5000 पौधे लगाए गए। यह ‘वन कवच’ मॉडल भविष्य में घने जंगल का रूप लेगा और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस अवसर पर विंछिया की सामाजिक वानिकी रेंज, जसदण और हिंगोलगढ़ के वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, स्थानीय सरपंच, ग्राम प्रमुख, तालुका प्रशासन के अधिकारी, आस्था और कृष्णा स्कूल के छात्र-छात्राएं तथा लगभग 550 पर्यावरण प्रेमियों ने भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से शुरू किए गए 'एक पेड़, माँ के नाम' अभियान को स्थानीय स्तर पर व्यापक समर्थन मिल रहा है। यह पहल ग्लोबल वार्मिंग के विरुद्ध एक प्रभावी कदम मानी जा रही है, जो न सिर्फ पर्यावरण की रक्षा करेगी बल्कि धार्मिक स्थलों को भी प्राकृतिक सुंदरता से समृद्ध बनाएगी।