राजकोट में अविश्वसनीय मामला: पति ने पत्नी के प्रेमी से हुई बेटी को अपनाया, दी पिता जैसी ममता
प्रेमी से मिली ठोकर, पति बना सहारा; महिला ने अब बेटी की कस्टडी के लिए उठाया कानूनी कदम
राजकोट में एक अजीबो-गरीब और मानवीय भावना को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। एक महिला ने जब आत्महत्या की बात कही, तो न सिर्फ उसके पति ने उसे संबल दिया, बल्कि उस बच्ची को भी अपनी बेटी की तरह अपनाया, जो उसकी पत्नी के प्रेमी से हुई थी।
घटना एक मध्यमवर्गीय परिवार की है। महिला का प्रेम विवाह हुआ था और उसके दो संतान – एक बेटा और एक बेटी थी। बाद में उसका एक अन्य युवक से प्रेम संबंध हो गया और उससे उसे एक और बेटी हुई। प्रेमी बार-बार उस बच्ची को अपने पास ले जाने की जिद करता रहा, लेकिन महिला को साथ रखने से इनकार कर दिया। इससे मानसिक दबाव में आकर महिला ने आत्महत्या करने का मन बना लिया और तीन दिनों से खाना-पीना तक छोड़ दिया।
ऐसे समय में उसके पति ने न केवल उसे भावनात्मक सहारा दिया, बल्कि अभयम हेल्पलाइन से संपर्क कर मदद भी मांगी। काउंसलर बीनाबेन गोहिल मौके पर पहुँचीं और महिला की काउंसलिंग की।
जाँच में यह सामने आया कि पति को पहले से ही पत्नी के विवाहेतर संबंध और बच्ची की सच्चाई पता थी। इसके बावजूद, उसने बच्ची को दिल से अपनाया और कहा कि वह अपनी "बेटी" को प्रेमी के पास नहीं जाने देगा। अगर प्रेमी महिला को भी साथ रखने को तैयार होता, तो वह सहमति दे देता, पर अकेले बच्ची को भेजना अस्वीकार्य है।
महिला ने अब अदालत में बच्ची की कस्टडी के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला लिया है। अभयम टीम ने भी उसे आश्वस्त किया कि कानून उसके साथ है और वह बेटी को खुद के पास रख सकती है। यह मामला संवेदनाओं, सामाजिक स्वीकृति और एक व्यक्ति के त्याग और ममता का दुर्लभ उदाहरण बन गया है।