वडोदरा : नंदेसरी मिनी नदी पुल बंद होने से हजारों लोगों और उद्योगों को भारी परेशानी
गंभीरा ब्रिज हादसे के बाद यातायात व्यवस्था चरमराई, ओवरब्रिज निर्माण की मांग तेज
गंभीरा ब्रिज हादसे के बाद एहतियात के तौर पर प्रशासन द्वारा नंदेसरी स्थित मिनी नदी पर बने जर्जर पुल को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इसके चलते नंदेसरी और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले हजारों स्थानीय लोग एवं जीआईडीसी के उद्योगपतियों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय नागरिकों और उद्यमियों की शिकायत है कि अब उन्हें नंदेसरी रेलवे फाटक वाला मार्ग ही एकमात्र विकल्प के रूप में उपयोग करना पड़ रहा है, जहां दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर की सैकड़ों ट्रेनें प्रतिदिन गुजरती हैं। इससे फाटक लंबे समय तक बंद रहता है और घंटों तक जाम की स्थिति बनी रहती है। यातायात डायवर्जन के चलते इस रास्ते पर विशेष रूप से पीक समय में भारी ट्रैफिक जाम हो रहा है।
गौरतलब है कि नंदेसरी मिनी नदी पुल पहले से ही जर्जर स्थिति में था और कई बार प्रशासन को इसकी मरम्मत अथवा पुनर्निर्माण के लिए ज्ञापन सौंपे जा चुके थे। वर्ष 2023 में इसके भार सहनशीलता का परीक्षण किया गया, जिसके बाद भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी। अब गंभीरा ब्रिज दुर्घटना के बाद एहतियातन इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
औद्योगिक गतिविधियों पर असर
नंदेसरी जीआईडीसी क्षेत्र में सक्रिय उद्यमियों का कहना है कि पुल बंद होने और जाम की स्थिति के चलते अब न केवल कच्चे माल की आपूर्ति में समस्या आ रही है, बल्कि उत्पादित माल की समय पर डिलीवरी भी बाधित हो रही है। इसके चलते उत्पादन प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है। इसके अलावा, किसी भी आपात स्थिति—जैसे आग लगने या गैस रिसाव में एम्बुलेंस और अग्निशमन जैसे राहत वाहन भी जाम में फंस सकते हैं, जिससे बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता है।
स्थायी समाधान की आवश्यकता
स्थानीय लोगों और व्यापारियों की मांग है कि या तो नंदेसरी रेलवे फाटक वाली सड़क पर जल्द से जल्द ओवरब्रिज का निर्माण किया जाए या जर्जर मिनी नदी पुल के स्थान पर एक नया मजबूत ब्रिज शीघ्र बनाया जाए, ताकि हजारों लोगों और उद्योगों को हो रही परेशानी से राहत मिल सके। प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है।