वडोदरा : कुष्ठ रोग से डरें नहीं, पहचानें और समय पर इलाज लें
राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क उपचार की सुविधा, शीघ्र निदान से पूरी तरह संभव है उपचार
राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कुष्ठ रोग के उपचार के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में नए रोगियों की शीघ्र पहचान कर उन्हें त्वरित और प्रभावी उपचार प्रदान करना है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके और विकलांगता की स्थिति से बचा जा सके।
कुष्ठ रोग (लेप्रोसी) माइकोबैक्टीरियम लेप्री नामक जीवाणु से होता है, जो त्वचा और तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। इसके प्रारंभिक लक्षणों में त्वचा पर पीले या लाल धब्बे, स्पर्श में कमी, त्वचा का रंग या बनावट बदलना, तंत्रिकाओं में दर्द या सूजन शामिल हैं। यदि समय पर इलाज न हो, तो यह विकलांगता का कारण बन सकता है।
हालांकि यह रोग बहुत अधिक संक्रामक नहीं है, फिर भी अनुपचारित रोगियों के साथ निकट संपर्क से संक्रमण फैल सकता है। यह रोग वंशानुगत नहीं है और मल्टी ड्रग थेरेपी (MDT) के जरिए इसका पूरी तरह से इलाज संभव है। यह उपचार राज्य सरकार द्वारा सभी स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क उपलब्ध कराया गया है।
मल्टी ड्रग थेरेपी सुरक्षित, प्रभावी और सरल है इसे प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता की देखरेख में पूरा करना आवश्यक है। इलाज अधूरा छोड़ने से रोग दोबारा सक्रिय हो सकता है। इस उपचार से मामूली साइड इफेक्ट हो सकते हैं जैसे मूत्र का रंग बदलना या हल्का एनीमिया, जो हानिकारक नहीं हैं। यह उपचार गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित है।
सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान के तहत प्लास्टिक सर्जरी के माध्यम से विकृत अंगों का सुधार भी संभव है। कुष्ठ रोगी सामान्य सामाजिक, पारिवारिक और व्यावसायिक जीवन जीने में सक्षम होते हैं। इसीलिए समाज को रोगियों के प्रति सहानुभूति और समावेश की भावना रखनी चाहिए।
राज्य सरकार सभी नागरिकों से अपील करती है कि कुष्ठ रोग के किसी भी लक्षण की उपेक्षा न करें। शीघ्र जांच कराएं और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में निःशुल्क उपचार प्राप्त करें। समय पर पहचान और उपचार से कुष्ठ रोग को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।