सूरत : चैंबर के 'टेक्सटाइल वीक' में नवाचार, स्वचालन और वैश्विक अवसरों पर जोर
सत्य प्रकाश वर्मा और अशोक आडवाणी ने उद्योगपतियों को निर्यात बढ़ाने के उपाय बताए
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) के ग्लोबल फैब्रिक रिसोर्स एंड रिसर्च सेंटर (जीएफआरआरसी) द्वारा टेक्सटाइल सप्ताह के तीसरे दिन, बुधवार, 23 जुलाई को समृद्धि, नानपुरा में आयोजित संगोष्ठी में ‘टेक्सटाइल उत्पादन का भविष्य’ विषय पर विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में भारत सरकार के पूर्व अतिरिक्त वस्त्र आयुक्त एवं चैंबर के वस्त्र कार्यबल सलाहकार सत्य प्रकाश वर्मा उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य में कपड़ा उद्योग तेजी से बदल रहा है और सूरत को इस बदलाव के अनुरूप खुद को ढालने की आवश्यकता है।
सत्य प्रकाश वर्मा ने कहा कि “जो गुणवत्ता अन्य देशों में नहीं है, वह भारत में तैयार कर निर्यात की जा सकती है। उन्होंने चीन, बांग्लादेश और वियतनाम के उदाहरण देते हुए बताया कि उदारीकरण, लागत प्रतिस्पर्धा और व्यापार समझौतों के ज़रिए इन देशों ने निर्यात में छलांग लगाई।
टेक्नोलॉजी, स्वचालन, आधुनिक लॉजिस्टिक्स, और सस्टेनेबल प्रैक्टिसेज़ को अपनाने का आह्वान किया।अमेरिका के ‘सिल्वर जनरेशन’ जैसे उपभोक्ता वर्ग को लक्षित कर ब्रांडिंग और निर्यात के अवसर की बात कही। उत्पादन प्रक्रिया में Reduce, Reuse, Recycle, Recover जैसे सिद्धांत अपनाने पर ज़ोर दिया।
सिग्नेचर टेक्सटाइल मशीन्स के सीईओ अशोक आडवाणी ने कहा कि सूरत में उच्च गति वाली रेपियर, एयरजेट, वाटरजेट जैसी मशीनों का उपयोग बढ़ा है, जिससे फैब्रिक की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। उन्होंने सुझाव दिया कि जब सूरत के युवा उद्यमी परिधान निर्माण (गारमेंटिंग) में रुचि ले रहे हैं, तो परिधान निर्माण को बढ़ावा देकर निर्यात बढ़ाया जा सकता है।सूरत की 20 किमी की परिधि में वस्त्र की पूरी मूल्य श्रृंखला मौजूद है, जो इसे अनूठा बनाती है।
चैंबर अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा कि सूरत का टेक्सटाइल उद्योग वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और उसे डिजिटलीकरण, ऑटोमेशन और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों को अपनाकर और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाना होगा।
कार्यक्रम में चैंबर के उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला ने आभार व्यक्त किया। संचालन पूर्व अध्यक्ष एवं जीएफआरआरसी सलाहकार प्रफुल शाह ने किया।
इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष अमरनाथ डोरा, महेंद्र काजीवाला, समूह अध्यक्ष गिरधर गोपाल मुंदड़ा सहित कई उद्योगपति उपस्थित रहे। सेमिनार के अंत में उपस्थित उद्यमियों के सवालों के विशेषज्ञों ने संतोषजनक उत्तर दिए।