चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा 'द साइलेंट थ्रेट' विषय पर स्वास्थ्य सत्र आयोजित
अचानक हृदयाघात के कारण, लक्षण और बचाव के उपायों पर डॉ. रीमा अग्रवाल ने दी उपयोगी जानकारी
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) ने सोमवार, 21 जुलाई 2025 को सरसाणा स्थित समहति परिसर में ‘द साइलेंट थ्रेट – अचानक हृदयाघात को समझना और रोकना’ विषय पर एक जनजागरूकता सत्र आयोजित किया।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता क्लिनिकल डाइटीशियन और फंक्शनल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. रीमा अग्रवाल थीं, जिन्होंने हृदयाघात और कार्डियक अरेस्ट जैसे जीवनघातक विषयों पर वैज्ञानिक तथ्यों और जागरूकता के साथ जानकारी साझा की।
डॉ. रीमा अग्रवाल ने बताया कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दो अलग स्थितियाँ हैं – हार्ट अटैक में हृदय की धड़कन जारी रहती है, लेकिन रक्त आपूर्ति रुक जाती है। कार्डियक अरेस्ट में हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है, जिससे तुरंत मृत्यु हो सकती है।
उन्होंने कहा कि भारत में हर साल 5 से 7 लाख लोग अचानक हृदय गति रुकने और हृदयाघात के कारण मरते हैं, और भारत में बचाव दर केवल 2% से भी कम है, जबकि विदेशों में यह आंकड़ा 10–12% है।
डॉ. अग्रवाल ने जोर देते हुए कहा कि अचानक हृदय गति रुकना एक दीर्घकालिक गलत जीवनशैली का परिणाम है। फास्ट फूड, अनियमित नींद, तनाव, व्यायाम की कमी—ये सभी कारक मिलकर हृदय को नुकसान पहुँचा रहे हैं। उन्होंने सलाह दी कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, समय पर जांच और मानसिक संतुलन से हृदय रोगों से बचाव संभव है।
चैंबर अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा कि "कर्मचारियों का स्वास्थ्य हर उद्योग की असली संपत्ति है।" उन्होंने उद्योगों से वर्कप्लेस वेलनेस प्रोग्राम, नियमित हेल्थ चेकअप और आपातकालीन रिस्पॉन्स सिस्टम लागू करने का सुझाव दिया।
आयुष समिति की अध्यक्ष डॉ. मंशाली तिवारी ने वक्ताओं का परिचय करवाया और सत्र का संचालन किया। सह-अध्यक्ष डॉ. पारुल पटेल ने सत्र के उद्देश्य और विषयवस्तु को रेखांकित किया। सह-अध्यक्ष डॉ. निपेश पटेल ने प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए सत्र का समापन किया।