वडोदरा जिले की 86 ग्रामीण सड़कें तीन मानसून के बाद भी बनीं मजबूत

जिला पंचायत क्षेत्र की सड़कें गुणवत्तापूर्ण निर्माण की मिसाल, डीएलपी और गैर-डीएलपी योजनाओं के तहत निर्माण का असर

वडोदरा जिले की 86 ग्रामीण सड़कें तीन मानसून के बाद भी बनीं मजबूत

वडोदरा जिले में मानसून के बाद जहां शहर की सड़कों पर गड्ढों की मरम्मत का अभियान चल रहा है, वहीं जिले के ग्रामीण इलाकों से एक सकारात्मक खबर सामने आई है। जिला पंचायत के अंतर्गत आने वाली 86 ग्रामीण सड़कें पिछले तीन मानसून के बावजूद बिना किसी क्षति के जस की तस बनी हुई हैं। यह राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत हुए गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्यों का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

सड़क और भवन विभाग, वडोदरा के अनुसार जिले में पंचायत क्षेत्र की कुल 2615 किलोमीटर सड़कें हैं, जिनमें से 1380 किलोमीटर सड़कें गैर-दोषपूर्ण देयता अवधि (Non-DLP) में आती हैं, जबकि 938 सड़कें डीएलपी (Defect Liability Period) के अंतर्गत आती हैं। डीएलपी के तहत यदि निर्धारित अवधि में सड़क क्षतिग्रस्त होती है तो उसकी मरम्मत संबंधित ठेकेदार की जिम्मेदारी होती है।

तालुका स्तर पर बात करें तो करजन में 27, पादरा में 10, वाघोडिया में 5, डभोई-शिनोर में 17, सावली-डेसर में 16 और वडोदरा तालुका में 11 सड़कें ऐसी हैं जो लगातार तीन मानसून से किसी भी तरह की क्षति से मुक्त हैं।

अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति शहरी क्षेत्रों की तुलना में बेहतर रहती है क्योंकि यहां भारी वाहनों की आवाजाही कम होती है और मिट्टी की संरचना भी अधिक अनुकूल होती है। इससे सड़कों की दीर्घकालिक टिकाऊपन बनी रहती है। इस प्रकार, वडोदरा जिले की पंचायत सड़कों ने यह सिद्ध किया है कि सुनियोजित और गुणवत्तापूर्ण निर्माण से ग्रामीण विकास की मजबूत नींव रखी जा सकती है।

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