सूरत : पुलों की स्थिति और खाड़ी बाढ़ नियंत्रण पर मंत्री कनुभाई देसाई ने की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठकें
वित्त मंत्री ने दीर्घकालिक योजनाओं और तत्काल मरम्मत कार्यों पर दिए निर्देश; सभी पुलों के 'हेल्थ रिपोर्ट कार्ड' तैयार
सूरत। वित्त एवं ऊर्जा मंत्री और सूरत जिला प्रभारी मंत्री कनुभाई देसाई ने सूरत शहर और जिले में पुलों की वर्तमान स्थिति तथा खाड़ियों में बाढ़ नियंत्रण को लेकर चरणबद्ध समीक्षा बैठकें कीं।
इन बैठकों में नगर निगम, जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रणनीतिक चर्चा की गई। मंत्री ने सभी संबंधित विभागों से आग्रह किया कि वर्षा जल निकासी की सुनियोजित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि बाढ़ की स्थिति को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके।
खाड़ी बाढ़ निवारण समिति की विशेष बैठक में मंत्री देसाई ने कहा कि सूरत में हर वर्ष बाढ़ की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए खाड़ियों पर पड़ने वाले दबाव को कम करना आवश्यक है। उन्होंने अल्पकालिक समाधान के रूप में खाड़ियों और झींगा तालाबों की सफाई तथा जल प्रवाह मार्गों से अतिक्रमण हटाने की बात कही।
वहीं, दीर्घकालिक योजना के अंतर्गत चेकडैम निर्माण, जल संग्रहण प्रणाली, खाड़ियों का आसवन और चौड़ाई बढ़ाने जैसे उपायों पर ज़ोर दिया गया। मंत्री ने राज्य सिंचाई विभाग के परामर्श से एक ठोस योजना तैयार करने तथा इसके लिए विशेषज्ञ सलाहकार की नियुक्ति का सुझाव भी रखा।
पुलों की सुरक्षा को लेकर मंत्री देसाई ने निर्देश दिया कि सभी पुलों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाए और यदि आवश्यक हो तो संरचनात्मक परीक्षण व मरम्मत कार्य तुरंत शुरू किया जाए। किसी भी पुल को यदि असुरक्षित पाया जाए, तो उसे तत्काल बंद करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही, सभी विभागों के लिए पुलों की मरम्मत और निगरानी हेतु एक विशेष एसओपी (Standard Operating Procedure) तैयार करने पर बल दिया गया।
सूरत नगर निगम के आईसीसीसी सेंटर में आयोजित बैठक में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न विभागों के अधीन आने वाले पुलों की स्थिति की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बताया कि सूरत नगर निगम के 121 पुलों का स्वास्थ्य रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा चुका है और पुनर्वास योजना के तहत समय-समय पर उनकी मरम्मत भी की जा रही है।
अधिकारियों ने विभिन्न विभागों के अधीन पुलों की स्थिति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। सड़क एवं भवन विभाग-2: 93 पुलों में से तीन पुल भारी वाहनों के लिए बंद कर दिए गए हैं। सड़क एवं भवन विभाग-1: छह पुल अच्छी स्थिति में हैं। जिला पंचायत: 53 पुलों का निरीक्षण पूरा हो चुका है सूरत नहर विभाग: 175 पुलों का निरीक्षण पूरा हो चुका है। काकरापार-जमना कांथा नहर: 106 पुलों का निरीक्षण पूरा हो चुका है। उकाई लेफ्ट बैंक नहर: 16 पुलों का निरीक्षण पूरा हो चुका है। तापी पाला विभाग: 1483 पुलों का निरीक्षण पूरा हो चुका है।
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 48: 4 पुलों का निरीक्षण पूरा हो चुका है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 53: 25 पुलों का निरीक्षण पूरा हो चुका है। गुजरात मेट्रो: 7 पुलों का निरीक्षण पूरा हो चुका है। डीएसीसीएल: 36 पुलों का निरीक्षण पूरा हो चुका है। गुजरात राज्य सड़क विकास निगम: 18 पुलों का निरीक्षण पूरा हो चुका है। सूड़ा (SUDA): 7 पुलों का निरीक्षण पूरा हो चुका है। रेलवे विभाग: 45 पुलों का निरीक्षण पूरा हो चुका है।
इन महत्वपूर्ण बैठकों में सांसद मुकेशभाई दलाल, महापौर दक्षेश मावाणी, विधायक सर्वश्री संदीप देसाई, संगीताबेन पाटिल, मनुभाई पटेल, स्थायी समिति अध्यक्ष राजन पटेल, संगठन अध्यक्ष परेश पटेल, नगर आयुक्त श्रीमती शालिनी अग्रवाल, जिला कलेक्टर डॉ. सौरभ पारधी, जिला विकास अधिकारी शिवानी गोयल, पुलिस उप महानिरीक्षक हितेश जोयसर, पुलिस उपायुक्त श्रीमती हेतलबेन पटेल, नगर निगम के उप आयुक्त, प्रांतीय अधिकारी, नगर निगम क्षेत्र प्रमुख और विभाग के अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी उपस्थित थे।