सूरत : नेत्रदान और देहदान से मिली प्रेरणा, काछड़िया परिवार ने निभाई सामाजिक ज़िम्मेदारी

स्व. अंबाबेन काछड़िया का देह और नेत्रदान, लोक दृष्टि आई बैंक व किरण मेडिकल कॉलेज को सौंपा गया

सूरत : नेत्रदान और देहदान से मिली प्रेरणा, काछड़िया परिवार ने निभाई सामाजिक ज़िम्मेदारी

 समाज में अंगदान और नेत्रदान की जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से काछड़िया परिवार ने एक प्रेरणादायक पहल करते हुए स्वर्गीय अंबाबेन परसोत्तमभाई काछड़िया का नेत्र और देहदान किया। यह कदम रेड क्रॉस और लोक दृष्टि नेत्र बैंक के ट्रस्टी एवं लायंस क्लब ऑफ सूरत ईस्ट के सदस्य नाथाभाई गजेरा की प्रेरणा से संभव हुआ।

स्व. अंबाबेन (मूल निवासी – बगदाणा) सूरत के मोटा वराछा स्थित राजहंस टॉवर सी-702 में निवास करती थीं। उनके निधन के पश्चात उनका पार्थिव शरीर किरण मेडिकल कॉलेज, सूरत को शैक्षणिक अनुसंधान के लिए और नेत्र लोक दृष्टि आई बैंक को दान किए गए।

यह सक्षम संस्था (समदृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल) के मंत्र  "जीते जी रक्तदान, जाते-जाते नेत्रदान, देहदान, अंगदान" को सच्चाई में बदलने का एक अनुकरणीय उदाहरण है। अंबाबेन काछड़िया का यह सूरत का 1789वां देहदान है।

इस सेवा कार्य में उनके पुत्र रवजीभाई, शंभुभाई और लालजीभाई काछड़िया, सहित परिवारजन उपस्थित थे। नेत्रदान की प्रक्रिया डॉ. प्रफुल शिरोया और दिनेशभाई जोगाणी की देखरेख में पूर्ण हुई। डॉ. शिरोया और उनकी संस्था लोक दृष्टि नेत्र बैंक ने अब तक 44,000 से अधिक नेत्रदान प्राप्त कर 75,000 से अधिक लोगों की दृष्टि लौटाई है।

लोक दृष्टि नेत्र बैंक के उपाध्यक्ष दिनेशभाई जोगाणी ने समाज से अपील की कि अधिक से अधिक लोग नेत्रदान और देहदान के लिए आगे आएं, ताकि अंधत्व से पीड़ितों को रोशनी मिल सके और मेडिकल छात्र बेहतर डॉक्टर बन सकें। काछड़िया परिवार की यह सेवा न केवल समाज के लिए प्रेरणा है, बल्कि एक सशक्त संदेश भी है कि मृत्यु के बाद भी किसी की ज़िंदगी को रोशन किया जा सकता है।

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