वडोदरा में शाला प्रवेशोत्सव बना सामाजिक उत्सव, पहले ही दिन मिले 54 लाख के दान
415 स्कूलों को मिला आधा करोड़ से अधिक का अनुदान, 2726 नए छात्रों का हुआ नामांकन, स्कूल छोड़ चुके 186 बच्चों की वापसी
मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के “शाला प्रवेशोत्सव को सामाजिक उत्सव” बनाने के आह्वान का व्यापक असर देखने को मिला। वडोदरा जिले में इस अभियान के पहले ही दिन नागरिकों, शिक्षकों और गणमान्य व्यक्तियों ने अभूतपूर्व सहभागिता दिखाई और जिले के 415 प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों को लगभग रु. 53.94 लाख का दान दिया। यह दान नकद एवं शैक्षणिक सामग्री के रूप में प्राप्त हुआ।
जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी महेश पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि 390 गांवों के 415 विद्यालयों का भ्रमण करने के लिए राज्य और जिला स्तरीय 650 से अधिक गणमान्य व्यक्तियों को 149 अलग-अलग मार्गों पर नियुक्त किया गया था। इन गणमान्य व्यक्तियों ने विद्यालयों की शाला प्रबंधन समिति और विकास समिति के साथ बैठकें कीं, जिनमें 4279 अभिभावक भी शामिल हुए।
कक्षा 1 में 2726 बच्चों का नया नामांकन किया गया। 186 बच्चों को पुनः स्कूल से जोड़कर शिक्षा की मुख्यधारा में वापस लाया गया। इन बच्चों में 50 दिव्यांग विद्यार्थी भी शामिल रहे। इसके साथ ही माध्यमिक विद्यालयों में 4088 बालक और 3103 बालिकाएं सहित कुल 7191 विद्यार्थी, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में 1054 बालक और 1344 बालिकाएं सहित कुल 2398 विद्यार्थियों के अलावा 4394 बच्चों को नर्सरी और 1716 बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में नामांकित किया गया। 34 विद्यालयों में नवीन परिवहन सुविधाएं शुरू की गईं। 51 बालिकाओं को विद्यालक्ष्मी बांड वितरित किए गए।
पहले दिन 15 बालकों और 8 बालिकाओं को विशेष प्रयासों से स्कूल से बाहर जाने से रोका गया। इस प्रकार, शाला प्रवेशोत्सव ने न केवल बच्चों को शिक्षा से जोड़ा, बल्कि समाज को भी शिक्षा के महत्त्व में भागीदार बनाया। यह जन-सहयोग मुख्यमंत्री के उस उद्देश्य को साकार करता है, जिसके तहत शिक्षा को जनांदोलन बनाना है।