राजकोट : अहमदाबाद विमान हादसे में जान गंवाने वाली राजकोट की मुक्ताबेन का गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार
डीएनए मिलान के बाद परिजनों को सौंपा गया पार्थिव शरीर, परिजन बोले - पोते की सगाई में शामिल होने को थीं उत्साहित
अहमदाबाद विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाली राजकोट की मुक्ताबेन बचुभाई डांगर (आयु 73) का शव बुधवार सुबह डीएनए मिलान के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया। दोपहर में राजकोट में निकली शवयात्रा में शोक की लहर दौड़ गई और रैया स्थित श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
मुक्ताबेन वर्धमान सोसायटी, बापा सीताराम चौक, घंटेश्वर एसआरपी कैंप के सामने अकेली रहती थीं। उनके बेटे मयूरभाई कई वर्षों से लंदन में बसे हैं, वहीं दो बेटियाँ मीनलबेन और रचनाबेन राजकोट में रहती हैं। मुक्ताबेन वर्ष में छह माह लंदन और छह माह राजकोट में गुजारती थीं और यह उनकी लंदन की दसवीं यात्रा थी।
परिजनों के अनुसार, इस बार की यात्रा उनके लिए बेहद खास थी, क्योंकि पोते की सगाई पक्की होने वाली थी। इसी खुशी में वे उत्साहपूर्वक लंदन जा रही थीं। उनके भतीजे हितेशभाई ने बताया कि उनकी बुवा ने विमान में बैठने के बाद बेटी मिलनबेन और दामाद मनोजभाई को फोन कर सूचित किया था कि “मैं विमान में बैठ गई हूं, अब लंदन पहुंचकर बात करूंगी।” लेकिन कुछ ही देर में हादसे की दुखद खबर आई।
रात को डीएनए मिलान के बाद उनके शव की पहचान हुई, जिसके बाद बुधवार सुबह करीब 7:30 बजे पार्थिव शरीर परिजनों को सौंपा गया। अधिकारियों ने ताबूत न खोलने की सख्त हिदायत दी थी। शव को पुलिस एस्कॉर्ट के साथ एंबुलेंस के जरिए राजकोट लाया गया।
सुबह 11:30 बजे शव के राजकोट पहुंचने के बाद दोपहर 1 बजे अंतिम यात्रा निकाली गई। बताया जा रहा है कि मुक्ताबेन भगवद्गीता और भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति हमेशा अपने साथ रखती थीं, और इस बार की यात्रा में भी वे उन्हें लेकर जा रही थीं। प्रशासन द्वारा परिजनों को एक विशेष बॉक्स भी सौंपा गया है, जिसमें क्या है, यह परिजन अभी तक देख नहीं पाए हैं।