अहमदाबाद : श्रमिकों का ‘अंत’ तक साथ निभाती है गुजरात सरकार की अंत्येष्टि सहायता योजना
राज्य के 12.42 लाख से अधिक निर्माण श्रमयोगियों के लिए ‘संकटकाल की साथी’ है अंत्येष्टि सहायता योजना
अहमदाबाद, 12 जून (वेब वार्ता)। भवन एवं अन्य निर्माण क्षेत्र में कार्यरत तथा सर्वाधिक जोखिम का काम करने वाले श्रमिकों के लिए उनकी आकस्मिक मृत्यु के मामले में उनके परिजनों की सहायक होने के लिए 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘अंत्येष्टि सहायता योजना’ शुरू की थी।
इस योजना के अंतर्गत उस समय लाभार्थी परिवारों को 2000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती थी। आज मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में इस संवेदनशील योजना अंतर्गत आर्थिक सहायता बढ़ाकर 10,000 रुपए कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि अंत्येष्टि सहायता योजना एक ऐसी योजना है, जो सर्वाधिक जोखिम भरी मजदूरी करने वाले निर्माण श्रमयोगियों की सहायता करती है। इस योजना का उद्देश्य भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक की अचानक मृत्यु हो जाए, तब उसके परिजनों को आर्थिक रूप से सहायता करना है।
निर्माण श्रमिक की आकस्मिक मृत्यु होने पर उसके परिजनों को इस योजना अंतर्गत 10,000 रुपए की सहायता दी जाती है और पिछले 10 वर्षों में इस योजना अंतर्गत 1307 श्रमिक परिवारों को 86.86 लाख रुपए की सहायता का भुगतान किया गया है।
श्रमिकों के ‘अंत समय में’ सहारा बनती है राज्य सरकार
अंत्येष्टि सहायता योजना के नाम से ही स्पष्ट है कि राज्य सरकार लाखों निर्माण श्रमिकों को ‘अंत समय में’ भी सहारा देती है। अंत्येष्टि सहायता योजना अंतर्गत राज्य सरकार भवन एवं अन्य निर्माण क्षेत्र में कार्यरत किसी भी श्रमयोगी की मृत्यु के मामले में उसके परिजनों को 10 हजार रुपए की सहायता देती है।
इस योजना का संचालन गुजरात भवन एवं अन्य निर्माण श्रमयोगी कल्याण बोर्ड द्वारा किया जाता है। राज्य सरकार के ई-निर्माण पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों में 12 लाख 42 हजार 24 से अधिक निर्माण श्रमिक इस बोर्ड के साथ जुड़े हुए हैं। बोर्ड में दर्ज इन श्रमिकों के लिए अंत्येष्टि सहायता योजना उपयोगी बन रही है।
पिछले 10 वर्ष में 1307 श्रमयोगी परिवारों को दी गई 86.86 लाख रुपए की सहायता
बोर्ड में तथा ई-निर्माण पोर्टल में दर्ज 18 से 60 वर्ष आयु समूह के किसी भी निर्माण श्रमिक की जारी सदस्यता के दौरान मृत्यु होने पर मृतक के परिजनों को इस योजनांतर्गत 10 हजार रुपए की सहायता दी जाती है।
सहायता पाने के लिए श्रमिक की मृत्यु के बाद छह माह के भीतर उसके परिजन को sanman.gujarat.gov.in पोर्टल पर आवेदन करना होता है। बोर्ड द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वर्ष 2015-16 से 2024-25 तक यानी पिछले 10 वर्ष में 1307 मृतक श्रमयोगियों के परिवारजनों को 86.86 लाख रुपए की सहायता का भुगतान किया गया है।
योजनांतर्गत सहायता राशि में उत्तरोत्तर वृद्धि
राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में जब अंत्येष्टि सहायता योजना लागू की, तब योजनांतर्गत सहायता राशि 2000 रुपए थी। 2015-16 में यह सहायता राशि बढ़ाकर 5000 रुपए, मई 2020 से 7000 रुपए और अप्रैल 2022 से 10000 रुपए की गई।
इस प्रकार; राज्य सरकार ने निर्माण श्रमिकों के लिए लागू अंत्येष्टि सहायता योजना की राशि में निरंतर वृद्धि की है। सहायता राशि में वृद्धि के कारण पिछले 5 वर्ष में लाभार्थी परिवारों को मिली आर्थिक सहायता में भी वृद्धि हुई है। आँकड़ों की दृष्टि से देखें, तो 2015-16 से 2019-20 के पाँच वर्षों में लाभार्थी परिवारों को प्राप्त सहायता राशि केवल 30.22 लाख रुपए थी, जबकि 2020-21 से 2024-25 तक की पाँच वर्षीय अवधि में 56.64 लाख रुपए की सहायता चुकाई गई है।