अंजलि जोशी का जीवन संघर्ष - सूरत में महिला सशक्तिकरण की मिसाल

खुद को एक सफल उद्यमी, जिम्मेदार मां और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में स्थापित , तीनों बच्चों की परवरिश पर ध्यान केंद्रित

अंजलि जोशी का जीवन संघर्ष - सूरत में महिला सशक्तिकरण की मिसाल

सूरत। हर इंसान की जिंदगी में कुछ ऐसे मोड़ आते हैं जो उसे या तो तोड़ देते हैं या बना देते हैं। सूरत शहर की अंजलि जोशी उन महिलाओं में से हैं जिन्होंने जिंदगी की हर कठिनाई का डटकर मुकाबला किया और खुद को एक सफल उद्यमी, जिम्मेदार मां और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में स्थापित किया।

अंजलि जोशी मूल रूप से केरल की रहने वाली हैं, लेकिन उनका जन्म और पालन-पोषण मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ। वे अपने माता-पिता की इकलौती संतान थीं और बचपन में उन्हें अपार स्नेह मिला। लेकिन जब वे मात्र 12 वर्ष की थीं, तभी उनके पिता का निधन हो गया। इस गहरे आघात के बाद उनकी मां ने अकेले ही उन्हें पाला।

अंजलि ने 10वीं तक की पढ़ाई मां के संरक्षण में पूरी की, लेकिन मां की लगातार बिगड़ती तबीयत के चलते उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ एक जीवन बीमा कंपनी में पार्ट टाइम काम करना शुरू कर दिया। इसी दौरान उन्होंने 12वीं की पढ़ाई भी पूरी कर ली।

 

इसके बाद उन्होंने खुद का कपड़े का व्यापार शुरू किया, जिसे उन्होंने पूरे दस वर्षों तक सफलता पूर्वक चलाया। दुर्भाग्यवश, उनकी मां का स्वास्थ्य लगातार खराब होता रहा और एक दिन वे दुनिया छोड़कर चली गईं। अंजलि कहती हैं, "मां के साथ पूरी जिंदगी बिताने का सपना अधूरा रह गया, लेकिन मुझे पता है कि जन्म और मृत्यु जीवन के अटल सत्य हैं।"

मां के निधन के बाद अंजलि ने शादी की और 2013 में अपने परिवार के साथ सूरत में बस गईं। यहां उन्होंने अपने कपड़े के व्यापार को और विस्तार दिया और आज उनका एक सफल इंपोर्टेड फैब्रिक बिजनेस है। इसके अलावा वे कैफे, फूलों, फलों और गिफ्ट आइटम के व्यापार में भी सक्रिय हैं।

उनकी मेहनत और उद्यमिता को पहचान भी मिली – वर्ष 2018 में उन्हें एफएम की तरफ से "मोस्ट प्रमोशिंग एंटरप्रेन्योर" का अवॉर्ड मिला और 2019 में "यूथ आइकन" सम्मान से भी नवाजा गया।

हालांकि, जीवन ने एक बार फिर कठिन परीक्षा लिया जिसमें उनके पति का निधन हो गया। इस घटना को लेकर उन्होंने 2021 से 2023 तक वे किसी काम में सक्रिय नहीं रहीं और केवल अपने तीनों बच्चों की परवरिश पर ध्यान केंद्रित किया। लेकिन अब वे फिर से अपने व्यापार में सक्रिय हैं और जीवन को सकारात्मक दिशा दे रही हैं।

अंजलि समाज सेवा में भी अग्रणी हैं। वे समय-समय पर जरूरतमंद बच्चों की मदद करती हैं, उन्हें गाइड करती हैं और कई बार सामाजिक आयोजनों में जज के रूप में भी आमंत्रित की जाती हैं।

उनका मानना है कि "यदि जीवन में कोई कठिन घटना घटती है, तो महिलाओं को टूटना नहीं चाहिए, बल्कि अपने बच्चों के लिए साहस के साथ खड़ा होना चाहिए और संघर्ष के बल पर नए जीवन की शुरुआत करनी चाहिए।"

अंजलि जोशी की कहानी आज की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह कहानी बताती है कि अगर हिम्मत और मेहनत साथ हो तो कोई भी चुनौती जीवन में आपको रोक नहीं सकती।

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