राजकोट बनेगा ग्लोबल इकोनॉमिक हब, जीआरआईटी टीम का दौरा, मास्टर प्लान पर काम शुरू
आईटी, शिक्षा, स्वास्थ्य और एमएसएमई सेक्टर को केंद्र में रखते हुए जीआरआईटी की पहल, राज्य सरकार और कलेक्टर की संयुक्त रणनीति
राजकोट, जो सौराष्ट्र क्षेत्र में आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और भौगोलिक दृष्टि से एक अहम केंद्र है, अब एक वैश्विक प्रतिस्पर्धी आर्थिक हब के रूप में विकसित होने की दिशा में अग्रसर है। इसी उद्देश्य को लेकर गुजरात राज्य परिवर्तन संस्थान (GRIT) की एक टीम 3 जून को राजकोट का दौरा किया।
राज्य सरकार का यह थिंक टैंक 'जीआरआईटी' नवाचार केंद्र के रूप में काम कर रहा है और वर्तमान में इसकी सीईओ श्रीमती एस. अपर्णा हैं। संस्था का मुख्य उद्देश्य राज्य में औद्योगिक, तकनीकी और सामाजिक विकास को नई दिशा देना है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में, राजकोट जिला कलेक्टर प्रभव जोशी और उनकी टीम एक समग्र विकास दृष्टिकोण को अपनाते हुए जिले के लिए एक आर्थिक मास्टर प्लान तैयार कर रही है। इस प्लान में राजकोट को आईटी हब, शिक्षा हब और वित्तीय हब के रूप में विकसित करने की रूपरेखा शामिल है।
एमएसएमई सेक्टर में खासकर ऑटो पार्ट्स, सीएनसी मशीनरी, फोर्जिंग और पंप उद्योगों में डिजिटलीकरण और ऑटोमेशन तथा सौर ऊर्जा व ईवी सेक्टर में दीर्घकालिक टिकाऊ विकास की दिशा में नई इकाइयों को प्रोत्साहन करना और रत्न और आभूषण उद्योग में नकली आभूषण उद्योग को संगठित करने और पार्क विकसित करने की योजना है। इसके अलावा सेवा क्षेत्र स्वास्थ्य सेवाएं, पर्यटन, लॉजिस्टिक्स और आईटी में जरूरी कौशल और बुनियादी ढांचे का विकास तथा राजकोट का आईपीओ बाजार 1,000 से अधिक ब्रोकर नेटवर्क के साथ देश के अग्रणी शहरों में से एक के रूप में पहचान है।
इसके अतिरिक्त, शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों और क्लीनिकों का आधुनिकीकरण, टेली-मेडिसिन को बढ़ावा, और जीआईडीसी व मेडिकल डिवाइस क्लस्टर जैसे विशेष पार्कों की स्थापना भी प्रस्तावित है। राजकोट के इस विकास अभियान में जीआरआईटी की टीम और राज्य सरकार मिलकर एक स्पष्ट और दीर्घकालिक रणनीति के तहत कार्य कर रही है ताकि आने वाले वर्षों में यह जिला देश के सबसे प्रभावशाली औद्योगिक और तकनीकी केंद्रों में से एक बन सके।