सूरत की ब्रेन डेड महिला के अंगदान से चार लोगों को मिला नया जीवन
बेटे की शादी के बाद अजमेर दर्शन जाते वक्त हुआ हादसा, परिवार ने लिया मानवता से भरा फैसला
सूरत। कपड़ा और हीरा नगरी के रूप में प्रसिद्ध सूरत शहर अब अंगदान के क्षेत्र में भी देश भर में पहचान बना रहा है। हाल ही में एक और हृदयविदारक घटना में, मांगरोल तालुका के दिनोद गांव निवासी कुसुमबेन भरतभाई पटेल के अंगदान से चार लोगों को नया जीवन मिला।
डोनेट लाईफ के संस्थापक निलेश मांडलेवाला ने जानकारी देते हुए कहा कि 20 मई 2025 को कुसुमबेन के बेटे पवन भरतभाई पटेल की शादी हुई थी। परिवार 22 मई को नवविवाहित जोड़े के साथ अजमेर दर्शन के लिए रवाना हुआ था। लेकिन 23 मई की सुबह, उदयपुर के रीठाभादेव कालाजी मंदिर के पास उनकी कार सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई। इस दुर्घटना में बेटे पवन और बेटी नयनाबेन की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि कुसुमबेन को गंभीर सिर की चोटों के कारण आर.एन.टी. मेडिकल कॉलेज, उदयपुर में भर्ती कराया गया।
इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इस गहरे दुख के समय में भी उनके परिवार ने अत्यंत मानवीय निर्णय लेते हुए कुसुमबेन के अंगदान की सहमति दी। अंगदान की प्रक्रिया सोटो (स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन) और डोनेट लाइफ संस्था के सहयोग से पूरी की गई।
कुसुमबेन की दोनों किडनियां और लिवर किरण अस्पताल, सूरत को आवंटित किए गए। एक किडनी 32 वर्षीय पुरुष मरीज को और दूसरी किडनी 33 वर्षीय महिला को प्रत्यारोपित की गई।लीवर का प्रत्यारोपण मुंबई निवासी 68 वर्षीय व्यक्ति को सफलतापूर्वक किया गया।साथ ही, उनकी आंखें भी दान की गईं, जिनका प्रत्यारोपण सूरत में एक जरूरतमंद मरीज को किया जाएगा।
किरण अस्पताल में यह प्रत्यारोपण कार्य डॉ. कल्पेश गोहिल, डॉ. मुकेश अहीर, डॉ. प्रमोद पटेल, डॉ. धर्मेश धनानी, डॉ. रुचिर जावेरी, डॉ. गौरव गुप्ता और डॉ. संकित शाह की टीम द्वारा किया गया।
इस पुनीत कार्य में कुसुमबेन के पति भरतभाई, भाई हर्षदभाई, दामाद अमोल राजपूत सहित पूरे पटेल परिवार ने सहयोग दिया। अंगदान की प्रक्रिया डोनेट लाइफ संस्था के संस्थापक नीलेश मंडलेवाला के मार्गदर्शन में संचालित हुई, जिसमें विभिन्न डॉक्टरों, चिकित्सा कर्मियों और स्वयंसेवकों ने सक्रिय भाग लिया।
डोनेट लाइफ परिवार ने दिवंगत कुसुमबेन भरतभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवार को मानवता की इस अद्वितीय सेवा के लिए धन्यवाद दिया। उनका यह त्याग कई परिवारों के जीवन में आशा की नई किरण लेकर आया है।