सूरत : मानसून पूर्व तैयारियों को लेकर महापौर की अध्यक्षता में अहम बैठक, जलभराव की समस्या पर बनी रणनीति
झींगा तालाबों और खाड़ियों के अवैध दबाव हटाने के निर्देश, जल निकासी व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर
सूरत। आगामी मानसून के मद्देनज़र शहर में जलभराव की गंभीर समस्या से निपटने के लिए स्थायी अध्यक्ष और महापौर की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल समेत नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में मानसून पूर्व कार्यों की समीक्षा की गई और जल निकासी से जुड़ी समस्याओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में बताया गया कि इस वर्ष मौसम की अनियमितता के चलते समय से पहले हुई बारिश के कारण शहर के कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इसे देखते हुए महापौर ने संबंधित अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से प्रभावित क्षेत्रों में प्री-मानसून कार्य तेज़ करने के निर्देश दिए।
विशेष रूप से मिंढोला खाड़ी और समुद्र से सटे झींगा तालाबों पर बने अवैध दबाव को मानसून से पूर्व हटाने पर ज़ोर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि खाड़ी की सफाई पर 3 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन जब तक झींगा तालाबों के अवरोध नहीं हटाए जाते, तब तक जलनिकासी में सुधार संभव नहीं है। बैठक में निर्णय लिया गया कि महापौर इस मुद्दे को लेकर जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग करेंगे।
इसके अलावा, शहर के सभी जोनों में जलभराव से प्रभावित स्थलों पर 15 दिनों के भीतर वॉटर हार्वेस्टिंग रिचार्ज बोर बनाने के निर्देश भी दिए गए, ताकि जलस्तर भी बढ़े और वर्षा जल का संचयन हो सके।
बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि वर्तमान में पानी और ड्रेनेज पाइपलाइन के कारण जिन स्थानों पर खुदाई की गई है, उन्हें 20 मई से पहले प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत करके सुरक्षित अवस्था में लाया जाए। सभी मानसून पूर्व कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण करने का आग्रह किया गया ताकि बारिश के दौरान नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
सूरत नगर निगम की यह पहल मानसून के दौरान जलभराव जैसी समस्याओं को कम करने की दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है।