भारत बनी दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, छोटे व्यापारियों के लिए अवसरों की सुनहरी सुबह : खंडेलवाल
देश की आर्थिक प्रगति छोटे व्यापार, स्टार्टअप और MSME क्षेत्र को दिलाएगी नई उड़ान, डिजिटल और वैश्विक बाजारों में बढ़ेगा दबदबा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक ऐतिहासिक छलांग लगाई है। अब भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भाजपा सांसद और व्यापारिक संगठन कैट के संस्थापक प्रवीण खंडेलवाल ने इस उपलब्धि को छोटे व्यापारियों, MSMEs और स्टार्टअप्स के लिए एक “नया सवेरा” बताया है। उन्होंने कहा कि यह मील का पत्थर भारत की व्यापारिक संरचना में व्यापक बदलाव की ओर संकेत करता है। घरेलू खपत में निरंतर वृद्धि, वैश्विक व्यापारिक रिश्तों का विस्तार और तेज़ी से हो रहा डिजिटल परिवर्तन छोटे व्यवसायों को अभूतपूर्व अवसर प्रदान करेगा।
खंडेलवाल ने कहा, “अब छोटे व्यापारियों के पास घरेलू ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक भी पहुंच के व्यापक अवसर हैं। मुक्त व्यापार समझौतों और निर्यात को प्रोत्साहन देने वाली नीतियों से भारत की वस्तुएं और सेवाएं वैश्विक मंच पर अपना स्थान बनाएंगी।” उन्होंने सरकार की कई योजनाओं जैसे पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन) और एमएसएमई क्रेडिट स्कीमों की प्रशंसा की, जो छोटे व्यापारियों को पूंजी, आत्मनिर्भरता और प्रतिस्पर्धा के लिए सक्षम बना रही हैं।
डिजिटल क्रांति और इंफ्रास्ट्रक्चर में हो रहे सुधारों की भूमिका पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अब व्यापारी वर्ग सुदूर क्षेत्रों तक डिजिटल माध्यमों से अपने उत्पादों की पहुंच बना पा रहा है। सड़क, रेल, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग जैसी सुविधाओं के उन्नयन से वितरण लागत में कमी और समय की बचत हो रही है। “बैंकों, फिनटेक और एनबीएफसी से मिल रही सरल वित्तीय सहायता, छोटे व्यापारियों को मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था से जोड़ रही है।
खंडेलवाल ने कहा कि सरकार और निजी क्षेत्र की साझेदारी से व्यापारियों और उनके कर्मचारियों को डिजिटल टूल्स, मार्केटिंग, निर्यात और वित्तीय प्रबंधन जैसी नई स्किल्स सिखाई जा रही हैं। इससे टिकाऊ और दीर्घकालिक विकास की नींव मजबूत हो रही है। विभिन्न क्षेत्रों में खुल रहे अवसरों पर खंडेलवाल ने विशेष रूप से प्रकाश डाला।
कैट गुजरात चेयरमैन प्रमोद भगत ने भी इस उपलब्धि को “केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि करोड़ों छोटे व्यापारियों के लिए अवसरों का नया द्वार” बताया। “सही मार्गदर्शन और सहयोग से भारत का व्यापारी वर्ग समावेशी और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक सशक्त भूमिका निभाएगा।” भारत की यह उपलब्धि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में देश की साख को और मजबूत करेगी और छोटे व्यापारियों के लिए परिवर्तन की नई लहर लेकर आएगी।