सूरत : कर प्रावधानों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए SGCCI और SGITBA का संयुक्त सेमिनार संपन्न
उद्यमियों को टीडीएस-टीसीएस और जीएसटी के ई-वॉयस, ई-वे बिल से जुड़े तकनीकी प्रावधानों की दी गई जानकारी
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) और दक्षिण गुजरात आयकर बार एसोसिएशन (SGITBA) के संयुक्त तत्वावधान में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों पर आधारित एक अध्ययन सर्कल श्रृंखला का आयोजन समृद्धि भवन, नानपुरा में किया गया। इस सेमिनार में कर विशेषज्ञों ने उद्यमियों और कर पेशेवरों को आयकर और वस्तु एवं सेवा कर (GST) से जुड़े अद्यतन प्रावधानों की जानकारी दी।
सेमिनार में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित सीए जिगर चोक्सी ने आयकर के टीडीएस (TDS) और टीसीएस (TCS) से संबंधित कानूनी प्रावधानों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि धारा 193 (इंटरेस्ट ऑन सिक्योरिटीज) में 1 अप्रैल 2025 से बदलाव किया गया है, जिसके तहत अब 10,000 रुपये तक की सीमा तय की गई है।
इसके अलावा, म्यूचुअल फंड में लाभांश भुगतान विकल्प लेने पर टीडीएस लागू होता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऑनलाइन गेमिंग से अर्जित आय पर 30% की दर से टीडीएस लागू है, भले ही कोई न्यूनतम सीमा न हो। वरिष्ठ नागरिकों को भी निर्धारित आय सीमा पार होने पर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है।
दूसरे सत्र में सीए अनीश गोयल ने जीएसटी के ई-वॉयसिंग (E-Invoicing) और ई-वे बिल के प्रावधानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि तरलीकृत पेट्रोलियम गैस, केरोसीन और आभूषणों की आपूर्ति पर ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वाहन की जांच के सात दिनों के भीतर नोटिस प्राप्त होता है और यदि समय पर जुर्माना या कर जमा किया जाता है, तो वाहन को मुक्त कर दिया जाता है।
उन्होंने ई-वे बिल भरते समय आपूर्तिकर्ता और प्राप्तकर्ता का विवरण, चालान संख्या और दिनांक, एचएसएन कोड, माल की कीमत, मात्रा और वजन, परिवहन मोड और वाहन संख्या जैसी जानकारी को सही-सही भरने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत में चैंबर की जीएसटी समिति के सलाहकार हेमंत देसाई ने स्वागत भाषण दिया। वक्ताओं का परिचय एसजीआईटीबीए के सदस्य एडवोकेट तुषार वकीलना और चैंबर सदस्य एडवोकेट शशांक मिठाईवाला ने कराया। सेमिनार का संचालन आयकर समिति के सह-अध्यक्ष दीपेश शाकवाला ने किया। अंत में एसजीआईटीबीए के पूर्व अध्यक्ष रेखांक कायस्थे ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए सेमिनार का समापन किया।
यह सेमिनार न केवल उद्यमियों को कर प्रावधानों के प्रति जागरूक करने में सहायक रहा, बल्कि व्यावहारिक जानकारी प्रदान कर उन्हें अनुपालन में भी मदद करेगा।