सूरत में 3 साल की बच्ची ने निगल लिए दो सिक्के, एंडोस्कोपी से डॉक्टरों ने बचाई जान

डायमंड अस्पताल में 20 मिनट की एंडोस्कोपी से निकाले गए सिक्के, परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने पर मिला रियायती इलाज

सूरत में 3 साल की बच्ची ने निगल लिए दो सिक्के, एंडोस्कोपी से डॉक्टरों ने बचाई जान

सूरत : शहर के कापोद्रा क्षेत्र की रहने वाली तीन साल की मासूम मानवी सरजीत राय ने खेलते समय एक और दो रुपये के दो सिक्के निगल लिए, जो उसके गले की अन्ननली में फंस गए।

इसके चलते बच्ची को तेज दर्द और निगलने में परेशानी होने लगी। हालत बिगड़ने पर उसे सूरत के डायमंड अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने तत्परता दिखाते हुए मात्र 20 मिनट की एंडोस्कोपी प्रक्रिया के माध्यम से सिक्के निकालकर बच्ची को नया जीवन दिया।

यह घटना रविवार रात करीब 8:30 बजे की है, जब बच्ची को पहले एक निजी अस्पताल ले जाया गया था। एक्स-रे में यह स्पष्ट हुआ कि सिक्के उसकी अन्ननली में फंसे हैं, लेकिन इलाज का खर्च 30 से 35 हजार रुपये बताया गया। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वे उसे मातृश्री रामुबा तेजाणी एवं मातृश्री शांताबा विद्या अस्पताल (डायमंड अस्पताल) लेकर आए, जो सूरत डायमंड एसोसिएशन द्वारा संचालित है।

डायमंड अस्पताल की आपातकालीन चिकित्सा टीम, जिसमें गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट और ऑपरेशन थिएटर स्टाफ शामिल थे, ने बिना देरी किए एंडोस्कोपी की प्रक्रिया शुरू की। एंडोस्कोपी के दौरान गले की आहार नली से दोनों सिक्के—एक और दो रुपये के—सफलतापूर्वक निकाल लिए गए।

इलाज के बाद बच्ची को तेजी से आराम मिला और अगले ही दिन सोमवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। बच्ची के माता-पिता ने अस्पताल के डॉक्टरों और पूरे स्टाफ का आभार जताते हुए कहा कि यदि समय पर सस्ता और सुलभ इलाज न मिला होता, तो स्थिति और गंभीर हो सकती थी।

यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि बच्चों की देखरेख में लापरवाही जानलेवा बन सकती है। साथ ही, डायमंड अस्पताल जैसे संस्थानों की भूमिका गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए जीवनरक्षक सिद्ध हो रही है।

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