सूरत में बाल श्रमिकों की फिर हुई रिहाई, पांच बच्चे राजस्थान से लाए गए थे काम पर

पुना क्षेत्र की मुक्तिधाम सोसायटी में साड़ी फोल्डिंग कार्य में लगे मिले नाबालिग, 10 से 12 घंटे काम कर रहे थे मात्र 2-3 हज़ार प्रतिमाह पर

सूरत में बाल श्रमिकों की फिर हुई रिहाई, पांच बच्चे राजस्थान से लाए गए थे काम पर

सूरत : शहर में बाल श्रम के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सूरत जिला टास्क फोर्स ने पुना क्षेत्र स्थित मुक्तिधाम सोसायटी में छापेमारी कर साड़ी फोल्डिंग कार्य में लगे पांच नाबालिग श्रमिकों को मुक्त कराया है। सभी बच्चे राजस्थान के मूल निवासी हैं और उन्हें बेहद कम वेतन पर प्रतिदिन 10 से 12 घंटे काम कराया जा रहा था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार टास्क फोर्स को सूचना मिली थी कि पुना की धनलक्ष्मी चरखा यूनिट में बाल मजदूरों से साड़ियों को तह करने का काम करवाया जा रहा है। इस सूचना के आधार पर छापा मारा गया, जिसमें पांच बच्चे काम करते हुए पाए गए। इनमें से एक की उम्र 16 वर्ष है जबकि शेष चार की उम्र 13 से 14 वर्ष के बीच है।

बच्चों को तत्काल मुक्त कर कतारगाम स्थित अनाथालय में अस्थायी रूप से रखा गया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि ये बच्चे दो से तीन महीने पहले ही यहां लाए गए थे और दिनभर भारी मेहनत के बदले सिर्फ ₹2,000 से ₹3,000 प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा था। भोजन और आश्रय की व्यवस्था वहीं मकान में की गई थी, लेकिन उनके कार्य की शर्तें अमानवीय थीं।

टास्क फोर्स के अनुसार, बच्चों की पहचान और उम्र की पुष्टि के लिए उनके जन्म प्रमाणपत्र संबंधित गांवों से मंगवाए जा रहे हैं। दस्तावेजों की पुष्टि के बाद कारखाना संचालकों के खिलाफ बाल श्रम निषेध अधिनियम सहित संबंधित कानूनी धाराओं में पुलिस शिकायत दर्ज की जाएगी।

यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि बाल श्रम की कुप्रथा आज भी शहर में जारी है और इससे जुड़े माफिया बच्चों के अधिकारों का घोर उल्लंघन कर रहे हैं। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और बच्चों को न्याय दिलाने के लिए हर जरूरी कदम उठाया जाएगा।

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