राजकोट में मौसम का उलटफेर: दोपहर में 41.4 डिग्री की गर्मी, शाम को मूसलाधार बारिश से जलमग्न हुई सड़कें
पौने घंटे में डेढ़ इंच बारिश से बिगड़ी शहर की रफ्तार, लोधिका, जेतपुर और विसावदर में भी हुई बेमौसम बरसात
राजकोट में गुरुवार को मौसम ने अप्रत्याशित रूप से करवट ली। जहां दोपहर को पारा 41.4 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ गया और भीषण गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया, वहीं शाम होते-होते आसमान पर अचानक बादल छा गए और शहर में पौने घंटे के भीतर डेढ़ इंच मूसलाधार बारिश हुई। इस बेमौसम बारिश ने न केवल गर्मी से राहत दी, बल्कि शहर की जल निकासी व्यवस्था की पोल भी खोल दी।
शाम के समय हुई इस बारिश ने राजकोट की सड़कों को तालाब में तब्दील कर दिया। ढेबर रोड, निर्मला रोड और अन्य प्रमुख इलाकों में पानी भर गया, जिससे पैदल यात्रियों और वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। अग्निशमन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य जोन में 27 मिमी, पश्चिम जोन में 39 मिमी और पूर्व जोन में 26 मिमी बारिश दर्ज की गई।
आश्चर्य की बात यह रही कि बारिश के समय राजकोट में वायुमंडलीय आर्द्रता दोपहर 2:30 बजे 33 प्रतिशत और शाम 5:30 बजे केवल 29 प्रतिशत थी। जो यह संकेत करता है कि मौसम शुष्क था, इसके बावजूद इतनी भारी बारिश ने सभी को चौंका दिया।
राजकोट के अलावा, जेतपुर में सवा इंच, और जूनागढ़ के लोधिका व विसावदर में भी करीब आधा इंच बेमौसम बारिश दर्ज की गई। इन इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश ने सामान्य जनजीवन को प्रभावित किया। नगर निगम द्वारा बरसाती पानी की निकासी और सड़क निर्माण पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, बावजूद इसके बारिश के थोड़ी ही देर में असमान सड़क सतह और अपर्याप्त ड्रेनेज के कारण जलजमाव हो गया। स्थानीय लोगों ने इस स्थिति को लेकर नाराजगी जताई।
गौरतलब है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून सौराष्ट्र पहुंचने में अभी लगभग एक महीना शेष है। इसके बावजूद बेमौसम बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे किसानों और आम नागरिकों दोनों के बीच चिंता बढ़ रही है। राजकोट की इस मौसमी करवट ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव अब दिन-ब-दिन अधिक स्पष्ट और अप्रत्याशित होते जा रहे हैं।