सूरत बना देश का पहला शहर जहां क्यूआर कोड से होगा स्वास्थ्य सर्वेक्षण
पायलट प्रोजेक्ट के तहत जून से 1350 घरों में शुरू होगा डिजिटल स्वास्थ्य सर्वे, एआई से मलेरिया जैसे रोगों का पूर्वानुमान संभव
सूरत, 16 मई 2025 — तकनीक के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण पहल करते हुए सूरत नगर निगम जून महीने से देश का पहला ऐसा शहर बनने जा रहा है, जहां क्यूआर कोड के माध्यम से स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया जाएगा। इस अभिनव योजना के पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तहत शहर के 9 जोनों के कुल 1350 घरों को शामिल किया जाएगा। प्रत्येक जोन से लगभग 150 घरों में सर्वे किया जाएगा।
सूरत की नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल द्वारा बजट में प्रस्तावित इस परियोजना के तहत प्रत्येक घर पर एक विशिष्ट क्यूआर कोड स्टिकर लगाया जाएगा, जिसमें उस घर के प्रत्येक सदस्य की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दर्ज होगी।
क्यूआर कोड स्कैन करने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को परिवार में बुखार, महामारी, मच्छरजनित बीमारियों जैसे मलेरिया और डेंगू के जोखिम, साथ ही घर के पास मच्छरों के प्रजनन स्थलों की जानकारी मिलेगी।
यह व्यवस्था रियल टाइम डेटा संग्रह, आसान रिपोर्टिंग और ऑनलाइन मैपिंग की सुविधा देगी। साथ ही, एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के माध्यम से मलेरिया और अन्य बीमारियों के संभावित हॉटस्पॉट का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा।
एक केंद्रीकृत डिजिटल डैशबोर्ड पर इन जानकारियों का विश्लेषण कर स्वास्थ्य विभाग को त्वरित कार्रवाई के लिए सूचनाएं भेजी जाएंगी, जो सीधे कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) से जुड़ी होंगी।
यह क्यूआर कोड न सिर्फ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं बल्कि नगर पालिका के अन्य विभागों के लिए भी उपयोगी होगा। जब कोई संपत्ति कर विभाग, जल विभाग या अन्य कर्मचारी कोड स्कैन करेगा, तो संबंधित जानकारी जैसे – टैक्स बकाया, जल मीटर रीडिंग, या जल निकासी संबंधी विवरण – उन्हें तुरंत प्राप्त हो जाएगा।
इतना ही नहीं, आम नागरिक भी इन क्यूआर कोड को अपने मोबाइल से स्कैन कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपने घर से संबंधित सभी नगर निगम सेवाओं की जानकारी मोबाइल पर तुरंत उपलब्ध होगी।
नगरपालिका अधिकारियों के अनुसार, मानसून से पहले इस पायलट परियोजना की शुरुआत की जाएगी, ताकि महामारी और मच्छरजनित बीमारियों से पहले ही सतर्कता बरती जा सके।
वीबीडीसी विभाग के अधिकारी जयसुख वागड़िया के अनुसार, निकट भविष्य में इस प्रणाली में टीकाकरण, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की संख्या, पास के स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक हॉल, स्विमिंग पूल, पार्टी प्लॉट, पार्किंग सेवाएं और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं की जानकारी भी जुड़ जाएगी।
यह पहल न सिर्फ स्वास्थ्य सर्वेक्षण बल्कि डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में भी सूरत को अग्रणी बनाएगी। एकीकृत क्यूआर कोड सिस्टम से नगर निगम की सेवाओं का समन्वय बेहतर होगा और नागरिकों को अधिक पारदर्शी, सुविधाजनक और तेज़ सेवाएं मिल सकेंगी।
इस नवाचार से अन्य नगर निगमों को भी प्रेरणा मिल सकती है, जिससे भविष्य में देशभर में ऐसी योजनाएं लागू होने का मार्ग प्रशस्त होगा।