सूरत : 24 घंटे जल आपूर्ति योजना पर फिर उठा विवाद, एक साथ भारी बिलों से नागरिक परेशान
80,000 मीटर कनेक्शन, 42 करोड़ की बकाया वसूली; कई ज़ोन में एक साथ 8-10 महीने के बिल भेजे गए, नीति में बदलाव की संभावना
सूरत। सूरत नगर निगम द्वारा शहर में 24 घंटे जल वितरण की महत्वाकांक्षी योजना शुरू किए जाने के बाद, अब इसके बिलिंग सिस्टम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
मीटर आधारित जल आपूर्ति व्यवस्था में तकनीकी और प्रशासनिक खामियों के कारण शहर के कई इलाकों में लोगों को एक साथ आठ से दस महीने के पानी के बिल भेजे गए हैं, जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
नगर निगम की इस नई व्यवस्था के अंतर्गत अब तक 80,000 से अधिक मीटर कनेक्शन लगाए जा चुके हैं। परंतु बिलिंग चक्र के संचालन में लगातार देरी और गड़बड़ी सामने आई है। कुछ उपभोक्ताओं को 10,000 रुपये तक के भारी भरकम बिल थमा दिए गए हैं, जिससे उनमें नाराजगी और असमंजस की स्थिति है।
पहले यह कार्य नगर निगम के कर निर्धारण विभाग के अधीन था, लेकिन बाद में इसे बाहरी एजेंसी को सौंपने का निर्णय लिया गया। हालांकि, निविदा प्रक्रिया में किसी एजेंसी ने भाग नहीं लिया, जिससे काम टाल-मटोल में पड़ गया और बिलिंग चक्र लंबा खिंच गया। नतीजतन, कई जोनों में उपभोक्ताओं को एक साथ कई महीनों के बिल दिए गए।
अब नगर निगम ने संबंधित एजेंसी को जोनवार बिल जारी करने की जिम्मेदारी सौंपी है, जबकि बकाया वसूली संबंधित जोन द्वारा की जा रही है। साथ ही, निर्णय लिया गया है कि भविष्य में एजेंसी की नियुक्ति प्रक्रिया जोन स्तर पर की जाएगी, ताकि बिलिंग कार्य में देरी न हो।
नगर निगम ने जनता की शिकायतों के मद्देनज़र पूर्व में बिल भुगतान में देरी पर लगाए गए ब्याज और जुर्माने को माफ करने की घोषणा की थी। स्थायी समिति ने 30 जून 2025 तक भुगतान करने वालों को 27.85 करोड़ रुपये की राहत दी थी। फिर भी, नगर निगम के अनुसार अब भी लगभग 42 करोड़ रुपये की राशि वसूल की जानी है।
नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, पानी की मीटर रीडिंग, बिलिंग गणना, और उपयोगिता बिलों में समायोजन को लेकर अनेक विसंगतियाँ सामने आ रही हैं। अक्सर यह देखा गया है कि घरों के पानी के उपयोग की गणना ठीक से नहीं हो रही और मीटर रीडिंग के आधार पर अधिक बिल आ रहे हैं।
इस समस्या की समीक्षा हेतु विभागाध्यक्ष की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी जोनों के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में यह स्वीकार किया गया कि कई जोनों में बिलिंग चक्र अभी भी अनियमित है। इसके समाधान के लिए वर्तमान नीति में संभावित बदलाव पर विचार किया जा रहा है।