सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा ‘एमएसएमई के लिए स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग समाधान’ विषय पर सेमिनार आयोजित
डिजिटलीकरण से लेकर मशीन निगरानी तक—स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग से एमएसएमई की उत्पादकता और प्रतिस्पर्धा में होगा इज़ाफा
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) द्वारा 'एमएसएमई के लिए स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग समाधान' विषय पर एक ज्ञानवर्धक सेमिनार आयोजित किया गया। इस अवसर पर एमएसएमई उद्योग सहभागिता के वरिष्ठ सहयोगी श्री सिद्धार्थ कामत ने उद्यमियों को डिजिटल परिवर्तन के महत्व और उसके व्यावसायिक लाभों की विस्तृत जानकारी दी।
चैंबर के अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने उद्घाटन भाषण में कहा कि, “एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। ऐसे में डिजिटलीकरण और मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी के नवाचारों को अपनाकर उद्यमी न केवल प्रतिस्पर्धा में टिक सकते हैं, बल्कि अपने व्यवसाय को अगले स्तर तक ले जा सकते हैं।”
मुख्य वक्ता सिद्धार्थ कामत ने कहा कि वर्तमान में लघु एवं मध्यम उद्योगों (एसएमई) को कर्मचारी उत्पादकता, डेटा प्रबंधन, दक्षता और तकनीकी जागरूकता की कमी जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं का समाधान स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग अपनाने में है, जिसका पहला चरण कागज़ से डिजिटल डेटा प्रबंधन की ओर बढ़ना है।
उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण के अंतर्गत आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, मशीन निगरानी प्रणाली, निरीक्षण में कंप्यूटर विज़न और वीडियो एनालिटिक्स जैसे समाधान शामिल हैं, जो उत्पादन गुणवत्ता और संचालन दक्षता को बेहतर बनाते हैं।
कामत ने सरकारी सहायता योजनाओं और सफल केस स्टडीज़ के उदाहरणों के माध्यम से बताया कि किस तरह डिजिटल समाधान अपनाकर एमएसएमई अपने व्यापार में उल्लेखनीय सुधार ला सकते हैं।
सेमिनार के दौरान चैंबर के मानद कोषाध्यक्ष सीए मितेश मोदी ने मुख्य भाषण दिया। एमएसएमई समूह के अध्यक्ष बशीर मंसूरी ने सेमिनार की रूपरेखा प्रस्तुत की और वक्ताओं का परिचय कराया। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित उद्यमियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर दिए गए।
सेमिनार का संचालन चैंबर की एमएसएमई समिति के अध्यक्ष सीए मनीष बजरंग ने किया। उन्होंने सभी सहभागियों, वक्ताओं और आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए सेमिनार के समापन की घोषणा की।