वडोदरा की महिलाएं बन रही हैं सशक्त: पुलिस सहायता केंद्रों से 1,774 महिलाओं को मिला संबल
घरेलू हिंसा और सामाजिक असमानता से जूझ रही महिलाओं को कानूनी, परामर्श और संस्थागत सहायता दे रहे हैं 7 पुलिस आधारित सहायता केंद्र
गुजरात सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग की एक सराहनीय पहल के तहत वडोदरा जिले की महिलाएं अब अधिक सशक्त बन रही हैं। घरेलू हिंसा, सामाजिक असमानता, लैंगिक भेदभाव, अत्याचार और अन्य समस्याओं का सामना कर रही 1,774 पीड़ित महिलाओं को जिले के सात पुलिस स्टेशन आधारित महिला सहायता केंद्रों से परामर्श, कानूनी मार्गदर्शन और संस्थागत सहयोग मिला है।
यह सहायता केंद्र संबंधित पुलिस थानों में कार्यरत हैं और पीड़ित महिलाओं को उनके पारिवारिक विवाद, उत्पीड़न व अन्य समस्याओं में मदद पहुंचा रहे हैं। जरूरत पड़ने पर मामले को दर्ज कराने, वकील उपलब्ध कराने और अदालत में प्रस्तुत करने तक की कानूनी सहायता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और दहेज निवारण एवं संरक्षण अधिकारी के समन्वय से उपलब्ध कराई जाती है। आंकड़ों पर एक नजर डालें तो वर्ष 2022-23 में 506 महिलाओं को सहायता, वर्ष 2023-24 में 497 महिलाओं को लाभ, जनवरी 2024 से मई 2025 तक 771 महिलाओं को सहायता प्राप्त हुआ है।
वर्तमान में बापोद, कारेलीबाग, मकरपुरा, गोरवा, पादरा, करजण और डभोई पुलिस स्टेशनों पर महिला सहायता केंद्र कार्यरत हैं। ग्रामीण क्षेत्रों तक योजना का विस्तार करते हुए 2024-25 में डभोई और करजण में दो नए केंद्र शुरू किए गए हैं। साथ ही, सावली पुलिस स्टेशन में नया सहायता केंद्र स्वीकृत किया गया है।
इन केंद्रों के माध्यम से न सिर्फ महिलाओं को मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहयोग दिया जा रहा है, बल्कि उनकी स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता को भी मजबूती दी जा रही है। आवश्यकता पड़ने पर महिला व उनके परिवार को परामर्श प्रदान किया जाता है और उनके द्वारा चुने गए विकल्पों पर कार्रवाई में सहायता दी जाती है। यह पहल समाज में महिलाओं की सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और सम्मान की दिशा में एक सशक्त कदम है, जो वडोदरा जिले को महिला अधिकारों की दृष्टि से प्रेरणास्पद मॉडल बना रहा है।
