समाजसेवा में समर्पित दिलीप जायसवाल यूपी से सूरत तक सेवा का संकल्प
धार्मिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी के साथ ग़रीब, अनाथ और ज़रूरतमंदों की निःस्वार्थ सेवा
उत्तर प्रदेश के जौनपुर ज़िले के मुगरा बादशाहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम गरियांव बाज़ार के मूल निवासी दिलीप जायसवाल पिछले 27 वर्षों से गुजरात राज्य के सूरत शहर में अपने परिवार के साथ निवास कर रहे हैं। सूरत को अपनी कर्मभूमि बनाने के बावजूद उन्होंने कभी अपनी मातृभूमि और समाजसेवा से जुड़ाव नहीं तोड़ा। जब भी समय मिलता है, वे तन-मन-धन से जरूरतमंदों की सेवा में जुट जाते हैं।
दिलीप जायसवाल का मानना हैं कि ग़रीब, अनाथ, असहाय और ज़रूरतमंद लोगों की सेवा करना ही उनका सबसे बड़ा धर्म है। वे धार्मिक आयोजनों में भी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। उन्होंने लगातार 11 वर्षों तक इच्छापूर्ति महादेव कांवरिया संघ का संचालन तन, मन और धन से किया है। वर्तमान में वे संरक्षक के रूप में भी संघ से जुड़े हैं और आगे भी सेवा जारी रखने का संकल्प रखते हैं। साथ ही, वे विभिन्न धार्मिक आयोजनों और भंडारों में भी बढ़-चढ़कर योगदान करते रहे हैं। कोरोना महामारी के कठिन समय में दिलीप जायसवाल ने अनेक ज़रूरतमंद परिवारों को राशन किट वितरित की। इसके अलावा, उन्होंने पुलिस प्रशासन और मीडिया कर्मियों के लिए, जो दिन-रात सेवा में लगे थे,उन सब के लिए जलपान की नि:शुल्क व्यवस्था कराई।
उन्होंने बताया कि समाज के हजारों लोगों के आशीर्वाद से हम किसी भी संकट या कठिन परिस्थिति को पार करते हुए भविष्य की ओर लगातार अग्रसर होते रहेंगे।
दिलीप जायसवाल ने बताया कि शिक्षा को सामाजिक विकास की कुंजी मानना चाहिए। यदि समाज को मुख्यधारा से जोड़ना है तो बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना अनिवार्य है। साथ ही, अगर समाज या परिवार का कोई व्यक्ति किसी संकट में है, तो उसकी मदद करना भी हर सदस्य का दायित्व है।
उन्होंने बताया कि “समाज के प्रति सच्चे तन, मन और धन से समर्पण ही सच्ची सेवा है। युवाओं को शासन-प्रशासन में भागीदारी का अवसर दिया जाना चाहिए ताकि वे न केवल अपना बल्कि समाज का भी उज्जवल भविष्य गढ़ सकें।
